play_circle

For a better listening experience, download the Newslaundry app

App Store
Play Store

एनएल चर्चा 239: मोरबी पुल हादसा, गंभीर वायु प्रदूषण और ट्विटर

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

    bookmark_add 
  • whatsapp
  • copy

एनएल चर्चा के इस अंक में गुजरात के मोरबी में पुल हादसे, द वायर के संपादकों के घर दिल्ली पुलिस की तलाशी, देश भर में खराब होती वायु गुणवत्ता, सोशल मीडिया पर कंटेंट निगरानी के लिए बनी कमेटी, झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी का समन, ईलॉन मस्क बने ट्विटर के मालिक, पाक के पूर्व पीएम इमरान खान पर जानलेवा हमले और उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण समेत कई अन्य विषयों का जिक्र हुआ.

चर्चा में इस हफ्ते द क्विंट के एसोसिएट एडिटर ईश्वर, ग्रीन पीस के अविनाश चंचल, पत्रकार ह्रदयेश जोशी शामिल हुए. संचालन सह-संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.

शार्दूल ने चर्चा की शुरुआत मोरबी पुल की घटना से की. वह कहते हैं, “हादसे में मारे गए लोगों के बाद जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की गई. वहीं जब पीएम अस्पताल जाने वाले थे, तब प्रशासन ने घायलों और उनके परिवारों की चिंता करने की बजाय उसकी रंगाई-पुताई शुरू करवा दी. इस पूरे प्रकरण में प्रशासन जमीनी स्तर पर क्या करता हुआ दिखाई दे रहा है?”

इस पर ईश्वर कहते हैं, “इस हादसे में कई ऐसे परिवार है जिनके पूरा परिवार ही हादसे में खत्म हो गया. हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों में दुख के साथ ही गुस्सा भी है. लोगों का कहना है कि प्रशासन से बिना अनुमति कैसे इस ब्रिज को खोल दिया गया. हादसे की जिम्मेदारी पर मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह कि, पुल की मरम्मत का काम जिस पुल ने किया उसकी जिम्मेदारी पूरे मामले में बनती है. सिंह पहले सरकारी अधिकारी है जिन्हें इस मामले में सस्पेंड किया गया.”

इस हादसे पर हृदयेश कहते हैं, “यह डिजास्टर है. डिजास्टर को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि डिजास्टर होने ही नहीं दिया जाए. लेकिन हमारे यहां हर कदम पर आपदा होने का इंतजार कर रहे हैं. और यह इसलिए होता है क्योंकि इसका सीधा संबंध सत्ता की धुरी से कितना दूर है. दिल्ली में ब्रिज की घटना बहुत कम होती है क्योंकि यहां अमीर और देश चलाने वाले लोग रहते है. लेकिन छोटे शहरों में आप देखिए आए दिन ब्रिज या पुल टूटने की घटना सामने आती है.”     

अविनाश अपनी टिप्पणी करते हुए कहते हैं, “प्राइवेट कंपनी और सरकारी अधिकारियों के बीच जो रिश्ता मोरबी में दिखा, वही रिश्ता हर जगह होता है. चाहे वह सिंगरौली हो या भागलपुर. सिंगरौली में एक पुल हर साल गिरता है और इस घटना में कई लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन इस खबर पर कभी बात नहीं होती.”   

इस विषय के विभिन्न पहलुओं के अलावा चर्चा में उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण पर भी विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

टाइम कोड

 00:00:00 - 00:10:05 - इंट्रो, हेडलाइंस और जरूरी सूचना

00:10:05 - 00:44:10 - मोरबी पुल की घटना 

00:44:10 - 01:09:50 - दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण

01:09:50- 01:20:21 - इलान मस्क का हुआ ट्विटर

1:20:21 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

शार्दूल कात्यायन

न्यूज़लॉन्ड्री के हिमाचल और गुजरात चुनाव के एनएल सेना कवरेज को देखे

घोड़े कैसे साप से इंसानों को बचाते हैं

यूएन के अनुसार किलिमंजारो और अफ्रीका के अंतिम ग्लेशियर 2050 तक खत्म हो जायेंगे

हृदयेश जोशी

कार्बन कॉपी वेबसाइट

ईश्वर

लेडिज फर्स्ट - नेटफ्लिक्स सीरीज

अविनाश चंचल

ऑल अबाउट लव - बेल हुक्स की किताब 

***

हर सप्ताह के सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर 

***

प्रोड्यूसर-  चंचल गुप्ता

एडिटिंग - उमराव सिंह  

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

subscription-appeal-image

Support Independent Media

एक अच्छे स्तर की प्रमाणिक पॉडकास्ट बनाना, परिश्रम के साथ-साथ महंगा काम भी है. हम आपके लिए और कई अवार्ड जीतने वाली और रोचक पॉडकास्ट ला सकें, इसमें हमारा सहयोग करें. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें.

Subscribe Now
Also see
कच्छ कथा: ‘कच्छ को दिखाकर गुजरात को चमकाया गया, लेकिन वहां के लोगों को क्या मिला’
भारत में हो रही अकाल मौतों में 28 फीसदी वायु प्रदूषण के कारण
subscription-appeal-image

Press Freedom Fund

Democracy isn't possible without a free press. And the press is unlikely to be free without reportage on the media.As India slides down democratic indicators, we have set up a Press Freedom Fund to examine the media's health and its challenges.
Contribute now
newslaundry logo

Pay to keep news free

Complaining about the media is easy and often justified. But hey, it’s the model that’s flawed.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like