play_circle

-NaN:NaN:NaN

For a better listening experience, download the Newslaundry app

App Store
Play Store

एनएल चर्चा 235: चुनावी वादों पर चुनाव आयोग का दखल, भारत जोड़ो यात्रा और 5जी सेवा

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

     
  • Share this article on whatsapp

एनएल चर्चा के इस अंक में चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों से चुनावी वादों की आर्थिक जवाबदेही पर राय मांगी, गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू कश्मीर दौरे पर पहाड़ी समुदाय के लिए आरक्षण, डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत के चार कफ सिरप के खिलाफ गाम्बिया में 66 लोगों के मरने के बाद जारी अलर्ट, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में महामारी के दौरान भारत में गरीबों की संख्या में 5.6 करोड़ की बढ़ोतरी, पीएम मोदी के द्वारा लांच 5जी नेटवर्क, इंडोनेशिया में फुटबॉल स्टेडियम में भगदड़ से 176 की मौत, केसीआर ने लॉन्च की अपनी नई राष्ट्रीय पार्टी, जलपाईगुड़ी में दुर्गा विसर्जन के दौरान नदी में बहने से लोगों की मृत्यु, पीएम मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के द्वारा परमाणु हमले की बात आदि विषयों का जिक्र हुआ.

चर्चा में इस हफ्ते वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल ने चर्चा की शुरुआत कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर हो रहे चुनाव और भारत जोड़ो यात्रा से की. वह कहते हैं, “इस यात्रा में पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल हुई. अभी तक की यात्रा में कर्नाटक, केरल को जिस तरह से तवज्जो दी जा रही है. क्या यह कांग्रेस की बची हुई राजनीतिक जमीन पर फोकस किया जा रहा है या पार्टी पूरे देश में मजबूत हो रही है? क्योंकि कुछ महीनों में गुजरात में होने वाले चुनावों में ऐसा लग रहा है कि बिना लड़े ही कांग्रेस पार्टी ने वहां सरेंडर कर दिया है.”

इस पर रशीद कहते हैं, “जब विषम परिस्थितियां आती है तब आपको अपने और पराए में पता चलता है वैसा ही राजनीतिक पार्टी के साथ भी होता है. राजनीति में वफादारी का पैमाना अटपटा सा है. भारत जोड़ो यात्रा का अभी तक बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस मजबूत है इसलिए हो सकता है वहां ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. यह यात्रा एक तरह से राहुल गांधी की राजनीतिक छवि को चमकाने के लिए हो रही है. जबकि इसे बहुत पहले जो जाना चाहिए था.”

आनंद पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर मचे विवाद पर कहते हैं, “कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर जो कुछ राजस्थान में हुआ, वह यह दिखाता है कि पार्टी का अध्यक्ष पद आकर्षक क्यों नहीं रहा. यह कांग्रेस के कमजोर अवस्था का प्रतीक है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री के मुकाबले, पार्टी संगठन का पद महत्वपूर्ण नहीं रहा. गहलोत ने क्या किया यह महत्वपूर्ण नहीं है. सवाल है कि कांग्रेस का हाईकमान इस स्थिति में नहीं है कि वह गहलोत के खिलाफ कुछ कर सके.”

शार्दूल कहते हैं, “युद्ध नीति का नियम होता जो आपकी मजबूत जगह है, पहले उसे सुदृढ़ करें और फिर आगे बढ़ें. कम से कम इस नजरिये से ये ठीक कदम है.”

इसके अलावा चर्चा में चुनाव आयोग के आचार संहिता में बदलाव के प्रस्ताव के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

टाइम कोड

00:00:00 - 00:22:13 - इंट्रो, हेडलाइंस और जरूरी सूचना

00:22:13 - 00:38:20 - कांग्रेस पार्टी की यात्रा और अध्यक्ष पद

00:38:20 - 01:07:00 - रेवड़ी कल्चर को लेकर चुनाव आयोग ने पार्टियों को लिखा पत्र

01:07:00 - 00:19:00 - पीएम द्वारा लॉन्च 5जी नेटवर्क

01:19:00 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

शार्दूल कात्यायन

बायो सीएनजी पर न्यूज़लॉन्ड्री पर प्रकाशित लेख

दास्तान ए गांधी - वीडियो

इस हफ्ते की एनएल टिप्पणी

रशीद किदवई

द क्राउन सीरीज

आनंद वर्धन

टाइम्स ऑफ इंडिया की शी जिनपिंग की राजनीति पर आधारित विजय गोखले का लेख

कश्मीरी पहाड़ियों को आरक्षण देने के हाल के अमित शाह के फैसले पर प्रवीण स्वामी का द प्रिंट में प्रकाशित लेख

अतुल चौरसिया

पी वैद्यनाथन का चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक पार्टियों को फ्रीबी को लेकर जारी नोटिस पर इंडियन एक्सप्रेस में लेख

चीन की राजनीति पर आधारित द इकोनॉमिस्ट का पॉडकास्ट

***

हर सप्ताह के सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर

***

प्रोड्यूसर- चंचल गुप्ता

एडिटिंग - चंचल गुप्ता

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
Also see
article imageबिलकीस बानो केस: दोषियों की रिहाई पर सवाल और लाल किले से पीएम मोदी का बयान
article imageभारत के नए राष्ट्रपिता, आग-लगाऊ तिहाड़ शिरोमणि और डंकापति
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like