दिल्ली में सीपीडब्ल्यूडी परिसर में काम करने वाले 20 से अधिक सफाई कर्मचारियों को बिना नोटिस के निकाल दिया गया. इसके बाद से उनके परिवार कई तरह के संकटों का सामना कर रहे हैं.
एक सितंबर को दिल्ली के लोधी रोड स्थित सीपीडब्ल्यूडी परिसर में काम करने वाले 20 से अधिक सफाई कर्मचारियों को रातों रात निकाल दिया गया. कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी नोटिस के जबरन निकाला गया. सफाई कर्मी पिछले 20 दिनों से निकाले जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
परिसर में 20 साल से काम कर रहीं 45 वर्षीय महेंद्री बताती हैं, “मैं यहां 20 साल से काम कर रही हूं. यहां तक कि कोरोना में भी मैंने काम किया.अब हमें बिना नोटिस के निकाल दिया गया है. इस महीने सैलरी नहीं आई तो हम क्या करेंगे? बच्चों को क्या खिलाएंगे? हमारे बच्चे तो भूखे मर जाएंगे.”
वहीं 45 वर्षीय नीटू कहते हैं, “मैं यहां 1984 से ड्यूटी कर रहा हूं. अब तक ऐसा होता आया है कि सफाईकर्मी वही रहे हैं, लेकिन ठेकेदार बदलते रहते थे. जो पुराने ऑफिसर थे वो हमारी प्रशंसा करते थे, हमारा सहयोग करते थे. लेकिन अब जो नए अफसर आए हैं, ये नहीं चाहते हमारी रोजी रोजी बनी रहे और हमें निकालना चाहते हैं.”
बता दें कि सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार और अफसरों की मिलीभगत से उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है, जबकि वह कई वर्षों से परिसर में सफाई का काम कर रहे हैं. निकाले गए सफाई कर्मियों में 17 महिलाएं और तीन पुरुष हैं.
हमने इस रिपोर्ट में सफाई कर्मियों से बात की और उनकी परेशानी जानी है.
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