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एनएल चर्चा 229: एनडीटीवी में अडानी का निवेश और पेगासस पर कोर्ट में पेश जांच रिपोर्ट

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

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एनएल चर्चा के इस अंक में अडानी समूह ने एनडीटीवी में खरीदी हिस्सेदारी, फिच रेटिंग्स के मुताबिक अडानी समूह पर बहुत ज्यादा कर्ज, पाक के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, बिहार में महागठबंधन ने सदन में सिद्ध किया बहुमत, सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में गुजरात सरकार को जारी किया नोटिस, दिल्ली के जंतर मंतर पर किसानों की महापंचायत और पेगासस मामले पर जांच कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट का जिक्र हुआ.

चर्चा में इस हफ्ते वरिष्ठ पत्रकार व मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट के मैनेजिंग एडिटर टी सुरेंद्र, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल ने चर्चा की शुरुआत अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी में किए गए निवेश के विषय से की. सुरेंद्र से सवाल पूछते हुए अतुल कहते हैं, “एनडीटीवी की अभी जो स्थिति बनी है वह पूरा मसला क्या है और यह किस ओर जाता दिख रहा है?”

सुरेंद्र जवाब देते हुए कहते हैं, “अडानी ने जो कंपनी खरीदी है वह एनडीटीवी की कंपनी नहीं है. एनडीटीवी ने अपनी हिस्सेदारी आरआरपीआर कंपनी को दिया था, तो यह सेबी के अंदर नहीं बल्कि इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के तहत आएगा. अब

यह देखना होगा की कितना जल्दी अडानी के पास शेयर्स आ जाते हैं. जब एनडीटीवी के शेयर आ जाएंगे तब उन्हें मार्केट से 26 प्रतिशत लेना होगा उसके बाद ही उनका कंपनी पर मालिकाना हक हो पाएगा.”

वह आगे कहते हैं, “मीडिया में हिस्सेदारी खरीदने से सरकार की नजर में आ जाते हैं. ऐसे में सभी लोग मीडिया में निवेश नहीं करना चाहते है. अंबानी का पहले से ही नेटवर्क 18 कंपनी है ऐसे में शायद हो सकता है उनका मीडिया में इतना इंटरेस्ट नहीं बचा होगा इसलिए उन्होंने बेच दिया.”

शार्दूल कहते हैं, “आरआरपीआर ने वीपीसीएल से करीब 400 करोड़ का लोन साल 2009-10 में लिया था. वीपीसीएल एक शेल कंपनी है, जिसने सिर्फ आरआरपीआर को लोन दे रखा है. जो रॉय दंपति ने कहा कि उन्हें इस डील से पहले बताया नहीं गया, वह इसलिए क्योंकि रॉय दंपति पर सेबी ने शेयर मार्केट में निवेश करने से रोक लगा रखी है. दूसरा किसी भी कंपनी में 26 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाना होता है. एक सवाल है कि जो लोन करीब 400 करोड़ का है, वह अडानी को 113 करोड़ में क्यों बेचा?”

आनंद टिप्पणी करते हुए कहते हैं, “अडानी के निवेश से लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि संपादकीय बदल जाएगा. यह पूर्वधारणा है. जो न्यूज़ को प्रभावित करने की बात है वह कॉरपोरेट के बिना भी प्रभावित होती है. जो कंपनियां बिना कॉरपोरेट के चल रही हैं, उनके यहां भी न्यूज़ प्रभावित होती है.”

इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा में विस्तार से बातचीत हुई. साथ में पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए जांच रिपोर्ट पर भी बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

टाइम कोड

00:00:00 - 00:02:10 - इंट्रो और जरूरी सूचना

00:02:17 - 00:08:21 - हेडलाइंस

00:08:21 - 00:51:31 - अडानी समूह की एनडीटीवी में हिस्सेदारी

00:51:32 - 01:12:51 - पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पेश जांच रिपोर्ट

01:12:51 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

शार्दूल कात्यायन

अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने पर कृष्ण कौशिक की रिपोर्ट

द केन की रिपोर्ट - द कनफाउंडिंग राइज एंड राइज ऑफ अडानी स्टॉक

सक्सेशन - सीरीज

डीडब्ल्यू की रिपोर्ट - मुस्लिम धर्मगुरुओं का फतवा क्या धरती बचा सकता है?

टी सुरेंद्र

पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाइयों के प्रभाव पर मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट की रिपोर्ट

आनंद वर्धन

द लाइफ एंड टाइम ऑफ जॉर्ज फर्नांडिस - राहुल रामागुंडम की किताब

अतुल चौरसिया

द पंचायत सीरीज

वॉय गौतम अडानी बाइंग मीडिया कंपनी - मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट

***

हर सप्ताह के सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर

***

प्रोड्यूसर- रौनक भट्ट & लिपि वत्स

एडिटिंग - उमराव सिंह

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

Also see
भारत सरकार पेगासस मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रही
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