नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसदों में से खीरू महतो एक किसान हैं जो पहली बार 2005 में विधायक बने और झारखंड विधानसभा पहुंचे. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री के साथ विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की है.
जदयू के नेता और झारखण्ड के पार्टी अध्यक्ष खीरू महतो बिहार से राज्यसभा सांसद हैं. नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसदों में से एक महतो एक किसान हैं जो पहली बार 2005 में विधायक बने और झारखंड विधानसभा पहुंचे. न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर शिवनारायण राजपुरोहित ने खीरू महतो से उनके किसान से नेता बनने के सफर और विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत की.
झारखंड के स्थानीय मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर महतो कहते हैं, "राज्य में सबसे अधिक वायु प्रदूषण, पेय जल और विस्थापन की समस्या है. सरकार ने कहा है कि विस्थापन आयोग बनाएंगे. पूर्ववर्ती सरकार ने भी कहा था लेकिन नहीं हुआ. झारखंड में तो आज तक नियोजन नीति नहीं बन सकी सीएनटी एक्ट को वहां हूबहू लागू करना था वह भी नहीं हुआ."
वे आगे बताते हैं, "27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ी जातियों के लिए पूरे देश में है लेकिन झारखंड में केवल 14 प्रतिशत है. जबकि वहां पिछड़ी जातियों की जनसंख्या 35 प्रतिशत है."
इसके अलावा उन्होंने बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी शराब बंदी को जरूरी बताया. एक पंक्ति के माध्यम से अपनी बात स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, "नशा नाश की है जड़ भाई, इसका फल अति दुखदाई."
देखिए पूरा इंटरव्यू-