दिल्ली में नेत्रहीन महिलाएं चला रही हैं कैफे

इस कैफे में आते ही आपको ऑर्डर लेने से लेकर, उसे तैयार करने और सर्व करने के रोल को बखूबी निभाते हुए नेत्रहीन महिलाएं नजर आएंगी.

   

आम धारणा है कि नेत्रहीन व्यक्ति खाना नहीं बना सकते क्योंकि कुकिंग में धारदार चाकू और आग का खतरा रहता है. लेकिन दिल्ली में स्थित एक कैफे ने ये तमाम भ्रम मिटा दिए हैं. हौज खास में बना ब्लाइंड बेक कैफे पूरी तरह से नेत्रहीन महिलाओं द्वारा संचालित हो रहा है. इस कैफे में आते ही आपको ऑर्डर लेने से लेकर, उसे तैयार करने और सर्व करने के रोल को बखूबी निभाते हुए नेत्रहीन महिलाएं नजर आएंगी. ब्लाइंड बेक कैफे का मेन्यू भी ब्रेल लिपि में है.

यहां काम करने वाली तारा कहती हैं, "मैं पोहा, मैक्रोनी और केक बेक कर लेती हूं. लोगों को लगता है नेत्रहीन महिलाएं खाना नहीं बना सकती लेकिन लोग जब कैफे आते हैं तो हैरान हो जाते हैं."

माया कैफे में नेत्रहीन महिलाओं को खाना बनाना सिखाती हैं. वह भी नेत्रहीन हैं. वह कहती हैं, "इस कैफे ने नेत्रहीन महिलाओं में आत्मविश्वास भरा है. वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र महसूस करती हैं."

इस कैफे के बारे में जानने के लिए वीडियो देखें.

Also see
article imageनेत्रहीन स्कूल का वजूद खतरे में, राशन खरीदने तक के नहीं हैं पैसे

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like