नाविका कुमार की शराफत, गीतांजली श्री को बुकर और आर्यन खान को क्लीन चिट

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
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धृतराष्ट्र के दरबार में आज ढोल-ताशे, डमरु और डफलियों की आवाज़ थी. चटखती गर्मी में डंकापति के उत्सव का शोर था. संजय ने दम पे दम आर्यावर्त में आयोजित होने वाले उत्सवों की जानकारी अपने दिलचस्प अंदाज में धृतराष्ट्र को दी.

इसके अलावा बीते हफ्ते हिंदी हिंदी और भारतीय भाषाओं के मुकुट में नया रत्न जुड़ा. हिंदी की प्राख्यात लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास रेत समाधि को इंटरनेशनल बुकर सम्मान मिला. इसका अंग्रेजी संस्करण टूंब ऑफ सैंड है, जिसे अनुवादित किया है डेज़ी रॉकवेल ने.

एक देश, एक खाना, एक कपड़ा, एक टैक्स, एक धर्म, एक बोली और एक भाषा वाली मौजूदा सरकार को गीतांजलि श्री की उपलब्दि से कोई खास प्रसन्नता नहीं हुई. उन्हें गीतांजलि श्री की हिंदी से शायद परहेज है, इसीलिए प्रधानमंत्री और उनके पूरे मंत्रिमंडल ने गीतांजलि श्री को बधाई देना मुनासिब नहीं समझा.

उधर फिल्म स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग मामले में क्लीनचिट मिल गई. क्लीन आर्यन खान हुए और गंदगी खबरिया चैनलों के मुंह पर पुत गई. इन्हीं तमाम मसलों पर इस हफ्ते की टिप्पणी.

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