बढ़ते तापमान के कारण इन पक्षियों को आहार के लिए पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा दूर तक जाना पड़ रहा है, ऊपर से यह इनमें स्ट्रेस हार्मोन को भी बढ़ा रहा है जो इनके टूटते रिश्तों का कारण बन रहा है.
शोधकर्ताओं के अनुसार ऐसा तभी होता था जब भोजन की कमी होती थी. शोध के अनुसार बढ़ता तापमान उन्हें कुछ ज्यादा ही प्रभावित कर रहा है, यहां तक की जब उनका प्रजनन सफल रहा हो तब भी उनके अलग होने के मामले दर्ज किए गए हैं.
जलवायु परिवर्तन उन्हें किस तरह प्रभावित कर रहा है उस बारे में शोधकर्ताओं ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार तापमान बढ़ने के साथ शिकार के लिए इन पक्षियों को लम्बे समय के लिए दूर-दराज तक आगे बढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसे में यदि यह पक्षी प्रजनन के मौसम से पहले वापस नहीं लौटते हैं तो उनके साथी, अपने लिए नए पार्टनर को चुन लेते हैं.
जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि हो रही है उसके चलते इन पक्षियों के लिए भोजन की उपलब्धता घट रही है जो इनमें पोषण की कमी का कारण बन रही है. ऐसी स्थिति में यह पक्षी संतानोत्पत्ति में विफल रहते हैं जो भी उनके विच्छेद का कारण बन रहा है. इसके साथ ही समुद्री तापमान में हो रही वृद्धि के चलते उनके लिए परिस्थितियां कहीं ज्यादा कठोर हो रही हैं जो उनमें स्ट्रेस हार्मोन को बढ़ा रही हैं. यह भी उनके अलग होने की एक संभावित वजह हो सकती है.
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि हम मनुष्यों की करनी का फल यह पक्षी भी भोग रहे हैं. भविष्य में यदि हमें इस तरह की खूबसूरत प्रजातियों को जलवायु परिवर्तन के असर से बचाना है तो हमें अपने बढ़ते उत्सर्जन को रोकना होगा. वर्ना मुमकिन हो की हमारी आने वाली पीढ़ियां इस तरह के जीवों को देखने के लिए तरस जाएंगी.
(साभार- डाउन टू अर्थ)