लखीमपुर खीरी: चुनावी नारों के बीच तिकुनिया कांड के पीड़ितों को इंसाफ का इंतजार

लखीमपुर जिले का तिकुनिया गांव 3 अक्टूबर को हुए “थार कांड” के बाद सामान्य हो गया दिखता है. लेकिन तिकुनिया और आसपास के गांवों में सिख आबादी के जख्म हरे हैं और इस बार वह सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ वोट की चोट की बात कर रहे हैं.

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नाराजगी दूसरी ओर भी

तिकुनिया से करीब 15 किलोमीटर दूर सिंघाई गांव में 75 साल के बालकराम और उनकी पत्नी फूलमती के सामने अभी अस्तित्व का संकट है. 3 अक्टूबर की घटना में उत्तेजित किसानों ने जीप में सवार जिन तीन लोगों को मार डाला था उनमें बालकराम के बेटे श्याम सुंदर निषाद भी थे. बीजेपी के स्थानीय नेता श्याम सुंदर ठेकेदारी करते थे लेकिन अब उनके परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं है. बालकराम की दो बेटियां घर पर हैं और दोनों बेटे बेरोजगार हैं.

बीजेपी कार्यकर्ता और ठेकेदार श्याम सुंदर निषाद का परिवार, निषाद किसानों को कुचलने वाली जीप में थे और उन्हें बाद में उग्र किसानों ने मारा डाला

बीजेपी कार्यकर्ता और ठेकेदार श्याम सुंदर निषाद का परिवार, निषाद किसानों को कुचलने वाली जीप में थे और उन्हें बाद में उग्र किसानों ने मारा डाला

श्याम सुंदर के छोटे भाई संजय का कहना है कि भाई की मौत के बाद पार्टी ने उनकी कोई मदद नहीं की. उनके मुताबिक, “सरकारी नियमों के हिसाब से मुआवज़ा हमारी भाभी को मिला जो हमारे साथ नहीं रहती हैं. हमारा पूरा परिवार भाई (श्याम सुंदर) पर निर्भर था. उनके न रहने से हमारे लिए जीना मुश्किल हो गया है क्योंकि कोई रोजगार नहीं है. पार्टी के लोग कोई मदद नहीं कर रहे. हमने मंत्री अजय मिश्र टेनी से बात की. उन्होंने कहा कि हम तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकते.”

कांटे की लड़ाई के लिए बीजेपी तैयार

पिछली बार 2017 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठजोड़ के बावजूद बीजेपी ने इस क्षेत्र की सभी सीटें अच्छे अंतर से जीतीं. पलिया विधानसभा में तो जीत का अंतर करीब 30% रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अजय मिश्र टेनी ने समाजवादी पार्टी की पूर्वी वर्मा को 2.18 लाख से अधिक वोटों से हराया. फिर भी तिकुनिया कांड के बाद बीजेपी ने चुनावी रणनीति के तहत टेनी को प्रचार से तकरीबन बाहर ही रखा है.

वैसे बीजेपी ध्रुवीकरण, कानून व्यवस्था, राशन की डिलीवरी और मोदी-योगी की छवि के साथ इस क्षेत्र में जीत का दावा कर रही है. विधायक शशांक वर्मा कहते हैं कि तिकुनिया कांड का कोई असर नहीं पड़ेगा और लोग नरेंद्र मोदी के सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ हैं. जमीन पर बीजेपी समर्थकों के अलावा जनता के एक हिस्से में पार्टी के लिए समर्थन है.

निघासन में चाय की दुकान पर 40 साल के रामविलास योगी सरकार के काम से खुश हैं और कहते हैं कि वह हर कीमत पर वोट बीजेपी को देंगे. उनका कहना है, “तिकुनिया कांड में जिन लोगों ने गलत किया उन्हें सजा मिल रही है लेकिन सरकार ने राशन बांटने से लेकर महामारी में अच्छा काम किया है और हम बीजेपी को वोट देंगे”

बीजेपी के स्थानीय नेता और किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष रमेश चंद्र तिवारी कहते हैं कि पार्टी की बूथ मैनेजमेंट और कार्यकर्ताओं का नेटवर्क बहुत मजबूत है. उनके मुताबिक सभी किसान और सिख बिरादरी उनके साथ है और चुनाव में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.

तिवारी कहते हैं, “पार्टी की कोई छवि खराब नहीं हुई है. जो तिकुनिया में कांड हुआ उसमें सांसद या कैबिनेट मंत्री (अजय मिश्र) की कोई गलती नहीं थी. उसमें किसानों के साथ अराजक तत्व थे जो दंगा और बवाल करना चाहते थे और उन्होंने किया. इससे भारती जनता पार्टी (के प्रदर्शन) पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.”

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