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एनएल चर्चा का यह अंक लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसा पर केंद्रित रहा. इसमें 8 लोगों की मौत हो गई. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे की गाड़ी से कुचलने का आरोप, विपक्षी नेताओं का दौरा, सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप, बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर हुए वरुण और मेनका गांधी, पैंडोरा पेपर्स, फेसबुक पर लगे गंभीर आरोप और ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार हुए आर्यन खान हमारी चर्चा के मुख्य विषय रहे.
इस बार चर्चा में बतौर मेहमान इंडिया स्पेंड के पत्रकार रणविजय सिंह शामिल हुए. साथ में न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस ने भी चर्चा में हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
पैंडोरा पेपर्स लीक मामले से अतुल ने चर्चा की शुरुआत की. वह सवाल करते हुए कहते हैं, “इंडियन एक्सप्रेस द्वारा रिलीज़ पैंडोरा पेपर्स ने एक कड़वी सच्चाई हमारे सामने रखी है. इसमें सचिन तेंदुलकर का भी नाम है. वे भारत रत्न हैं, भारत की संसद के सदस्य रह चुके हैं और देश भर के लोगों के आदर्श हैं. इस तरह के लोग अगर टैक्स चोरी कर रहे हैं ब्लैक मनी विदेशों में छुपा रहे हैं तो यह सवाल उठाता है कि भारत के सामाजिक और राजनैतिक जीवन में किस तरह का पतन आ गया है. हमारे आदर्श ही इस तरह के लोग हैं जो देश से टैक्स चोरी कर रहे हैं, वे संसद में भी बैठते हैं और उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है भी दिया गया है. यह स्थिति बतौर नागरिक हमारे ऊपर और हमारे आइकन के ऊपर क्या कमेंट करता है?”
इस पर आनंद कहते हैं, "जो स्पोर्टिंग आइकॉन हैं वो कोई नैतिक गुण के आधार पर नहीं आइकन नहीं बने हैं. उन्हें प्रसिद्धि उनकी खेलने की क्षमता की वजह से मिली है. सेलिब्रिटीहुड उन पर एक विंडफॉल गेन की तरह आता गया साथ ही साथ, जो नैतिकता और राष्ट्रीयता की उम्मीद हैं वह समाज की उम्मीद हैं. हालांकि उससे एक ज़िम्मेदारी भी आती है, यह भी एक तर्क है."
रणविजय इस मामले पर कहते हैं, "करीब 15 साल या उसके बाद के सालों में जब हम देखते हैं उस वक़्त ऐसी ख़बरें बहुत आती थीं कि कुछ चुनिंदा लोगों ने टैक्स बहुत ज़्यादा दिया और लोगों को प्रेरित किया कि आप भी टैक्स दीजिए. एक वक़्त में सचिन तेंदुलकर का भी नाम आता था सबसे ज़्यादा टैक्स देने वालों में. इससे एक ज़िम्मेदार नागरिक की छवि बनी. आज जब ऐसी ख़बरें सुनने में आ रही हैं तो इससे जो एक व्यक्ति का चित्र हमारे अंदर बन गया था वह टूटता है.”
पैंडोरा पेपर्स पर अपनी बात रखते हुए मेघनाद कहते हैं, "हमारे देश में एक धारणा बन चुकी है कि सरकार टैक्स बहुत ज़्यादा लेती है और रिटर्न में कुछ देती नहीं है. अगर आपके पास बहुत ज़्यादा पैसा है तो यह बात आती है ज़हन में कि मैं कहीं ऐसी जगह पैसा निवेश करुं जहां कम से कम टैक्स लगें."
मेघनाद आगे कहते हैं, “जैसे आंनद ने कहा टैक्स अवॉयड करने में और टैक्स इवेजन में वैसे कोई फ़र्क़ नहीं है, लेकिन कंपनी के जरिए जो पैसे की हेरफेर की जाती है उसमें टैक्स की बड़ी चोरी की जाती है.”
इस विषय के अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए पूरे पॉडकास्ट को जरूर सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
टाइमकोड
00 : 00 परिचय
00:31 - 2:02 ज़रूरी सूचना
2:14 - 11:16 हेडलाइंस
11:17 - 22:15 पैंडोरा पेपर्स
22:22 - 1:09:03 लखीमपुर खीरी हिंसा और राजनीतिक दलों पर घटनास्थल पर जाने से रोक
1:09:10 - सलाह और सुझाव
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