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एनएल चर्चा के 178वें अंक में असम और मिजोरम के बीच जमीन को लेकर हुई झड़प, पेगासस को लेकर विपक्ष का विरोध प्रदर्शन, ममता बनर्जी की विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक, किसान आंदोलन, बीएस येदियुरप्पा का इस्तीफा, फ्रांस की सरकारी एजेंसी ने दो पत्रकारों के फोन में पेगासस जासूसी की पुष्टि समेत कई अन्य विषयों पर बातचीत हुई.
इस बार चर्चा में बतौर मेहमान इनसाइड एनई की एडिटर इन चीफ अफरीदा हुसैन और न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस ने चर्चा में हिस्सा लिया. संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अफरीदा ने असम और मिजोरम के बीच हुए सीमा विवाद पर बातचीत की. अफरीदा इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहती हैं, जो मिजोरम का क्षेत्र है वहां असम के सुरक्षाबल पहुंचे, जहां पहले से ही मिजोरम के सुरक्षाबल मौजूद थे. जिसके बाद इस घटना की शुरुआत हुई. घटना के बाद से दोनों राज्यों के बीच जो स्थिति है वह ऐसा लग रहा है जैसे हम अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर आ गए हों. दो राज्यों के बीच ऐसी स्थिति केंद्र की बीजेपी सरकार की विफलता को भी दिखाता है क्योंकि दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है.
मेघनाथ केंद्र सरकार के रवैये पर कहते हैं कि, अभी दो व्यक्ति ही हैं जो पूरी सरकार चला रहे हैं और यह पूरी कोशिश करते हैं कि किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से बड़ा ना बन पाए. इसलिए वह हर राज्य के मुख्यमंत्री को कंट्रोल करते हैं.
अतुल कहते हैं, यह दो राज्यों के बीच का मसला है जो दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री बैठ कर सुलझा सकते हैं. लेकिन हेमंत बिस्वा शर्मा जो पहले सातों नार्थ ईस्ट राज्यों के संयोजक थे अब वह मुख्यमंत्री बनने के बाद आक्रमक होकर असम की बात करने लगे हैं तो यह मामला कैसे सुलझेगा.
इस विषय के अलावा अन्य विषयों पर भी विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए इस पूरे पॉडकास्ट को जरूर सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
0:00-1:30 - इंट्रो
1:30 -9:44 - जरूरी सूचना
4:50- 12:50 - हेडलाइन
13:00 - 37:24 - असम-मिजोरम के बीच जमीन विवाद
37:26 - 53:13 - विपक्षी पार्टियों की बैठक
53:14 - 1:00:28 - किसान आंदोलन
1:00:36-1:05:44 - क्या पढ़ें क्या देखें
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
अफरीदा हुसैन
फिल्म: रोमा
मेघनाद एस
दानिश सिद्दीकी की तलिबान द्वारा की गई हत्या पर आर्टिकल
नेटफ्लिक्स सीरीज: एटिपिकल
अतुल चौरसिया
डॉक्यूमेंट्री फिल्म - द बर्थ ऑफ अंपायर
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प्रोड्यूसर- लिपि वत्स और आदित्य वारियर
एडिटिंग - उमराव सिंह
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह