हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ़्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
एनएल चर्चा के 172वें अंक में कोरोना से हुई मौत के मामले में अंडर काउंटिंग, देवांगना कलीता, नताशा नरवाल, और आसिफ इकबाल को मिली जमानत, गाजियाबाद पुलिस ने पत्रकारों समेत ट्विटर पर दर्ज की एफआईआर और राम मंदिर ट्रस्ट पर लग रहे जमीन घोटाले के आरोप इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय रहे.
इस बार चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान बतौर मेहमान शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस भी चर्चा का हिस्सा रहे. संचालन अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने गाजियाबाद के वायरल वीडियो जिसमें एक बुजुर्ग मुस्लिम के साथ मारपीट को लेकर पत्रकारों और मीडिया संस्थान के खिलाफ दर्ज मामले पर शरत प्रधान से सवाल करते हुए पूछा कि क्या, पीड़ित के बयान के आधार पर खबर लिखना अपराध है. क्या सिर्फ पुलिस के बयान पर ही पत्रकारिता होगी?
शरत जवाब देते हुए कहते कहते हैं, “यह दिखाता है कि हम किस तरफ जा रहे हैं या हमारी सरकार हमें किस तरफ ले जा रही है. यहां दिखता है कि तानाशाही हावी हो चुकी है और प्रेस की बोलने की आजादी का पतन हो चुका है. यह खबर केवल कुछ मीडिया हाउस में ही नहीं छपी थी जिस पर एफआईआर हुआ, यह खबर सारे मुख्यधारा की मीडिया में छपी थी. लेकिन कार्यवाही करते समय उत्तरप्रदेश सरकार बड़ी सेलेक्टिव रही.”
वह आगे कहते हैं, “सरकार ने कहा इन मीडिया संस्थानों ने सांप्रदायिक एंगल दिखाया जिससे दंगा फसाद हो सकता था. लेकिन सरकार जो खुद कर रही है वो सांप्रदायिकता से प्रेरित नहीं है क्या? सरकार के निशाने पर अधिकतर मुस्लिम पत्रकार हैं. ये असहिष्णुता का प्रदर्शन है, यहां असहिष्णुता गणतंत्र से मेल नहीं खाती. लेकिन आज के दौर में दुर्भाग्यवश यही हो रहा है. इस मामले में साफ दिख रहा है कि पत्रकारों को निशाना बनाया गया.”
इसी मुद्दे पर अतुल ने मीडिया किस तरह से इन घटनाओं की रिपोर्टिंग करें इस पर आंनद वर्धन से टिप्पणी मांगी.
आंनद वर्धन जवाब देते हुए कहते हैं, "कुछ चीजें दूर से लगती हैं कि ये सही हैं या गलत हैं. लेकिन पत्रकारिता में समय बहुत महत्वपूर्ण है. इसलिए इस मसले पर तुंरत रिपोर्टिंग की गई. जल्दी में सभी फैक्ट को चेक नहीं किया जा सकता. इस मामले पर सरकार को अभी स्पष्टता की जरूरत है.”
आनंद आगे कहते हैं, “यह एक सोशल मीडिया से वायरल हुई स्टोरी है. मैं सोशल मीडिया से आई खबरों पर ज्यादा नहीं बोलता. लेकिन इस मामले में जांच की जरूरत है. और कई बार किसी लड़ाई में जातीय एंगल हो सकता है लेकिन बहुत बार ऐसा होता नहीं है.”
अतुल ने चर्चा में मेघनाद को शामिल करते हुए पूछा कि, चुन- चुनकर मीडिया संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से बहुत मुश्किल हो जाएगा रिपोर्टिंग करना.
जवाब देते हुए मेघनाद कहते हैं, "इसमें एक रोचक बात हुई कि जिस पर भी एफआईआर हुई है वो लंबे समय से सरकार के खिलाफ बोलते है. इस मामले में टाइम्स नाऊ ने इसका वीडियो सबसे पहले रिपोर्ट किया था और टीवी पर चलाया था. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
जो आप ने कहा कि ऐसे मसलों पर रिपोर्टिंग की जाए या नहीं तो मेरा मानना है कि जरूर की जाए. बुजुर्ग अब्दुल समद के साथ जो हुआ और जो बातें बोली है, भले ही किसी के दवाब में बोली हों वो अलग बात है. पुलिस की यहां एक नई थ्योरी सामने आ रही है. वह बोल रही है कि अब्दुल समद ने आरोपी को ताबीज बेचा था, जिसके कारण उनके साथ मारपीट की गई. यह स्टोरी बहुत ही पेंचीदा हो गई है.
हमें नहीं भूलाना चाहिए कि, उत्तर प्रदेश में चुनाव आ रहे हैं, जिसमें पार्टियां इस मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश जरूर करेंगी. हमने इससे पहले भी देखा है कि यूपी चुनाव से पहले सांप्रदायिक मामले बढ़ जाते हैं.
इस विषय के अलावा अन्य विषयों पर बहुत विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए इस पूरे पॉडकास्ट को जरूर सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
टाइम कोड
00:50 - इंट्रो
02:34: 06:55- हेडलाइन
06:55: 23:20 - गाजियाबाद मामले में पत्रकारों पर एफआईआर
23:20: 42:38 - गाजियाबाद मामले में ट्विटर की भूमिका
42:38: 01:07:38 - राम मंदिर जमीन घोटाला
01:09:02: 01:17:01 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.
आंनद वर्धन
प्रेमचन्द की कहानी - बड़े भाईसाहब
आर के नारायण की कहानी - इश्वरण
एडरेन वुलट्रेज की किताब - द एरिस्टोक्रेसी ऑफ टैलेंट
मेघनाद एस
द सन्स ऑफ सैम - डॉक्यूमेंट्री सीरीज
नेटफ्लिक्स सीरीज - ब्रेव न्यूज वर्ल्ड
क्विंट पर राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर प्रकाशित पूनम अग्रवाल की रिपोर्ट
ट्विटर को लेकर प्रकाशित करण त्रिपाठी की रिपोर्ट
शरद प्रधान
क्विंट पर राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर प्रकाशित पूनम अग्रवाल की रिपोर्ट
न्यूज़लॉन्ड्री की राम मंदिर ट्रस्ट जमीन घोटाला पर प्रकाशित रिपोर्ट
अतुल चौरसिया
न्यूज़लॉन्ड्री की राम मंदिर ट्रस्ट जमीन घोटाला पर प्रकाशित रिपोर्ट
न्यूयॉर्क टाइम्स का दैनिक भास्कर के एडिटर ओम गौड़ का प्रकाशित लेख
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एनएल रिसेस के अगले संस्करण में, फिल्म कलाकार कबीर बेदी अपनी नई किताब, "स्टोरीज़ आई मस्ट टेल" पर चर्चा करेंगे. 20 जून को भारतीय समयानुसार शाम 7 बजे होने वाला यह कार्यक्रम सिर्फ सब्सक्राइबर्स के लिए है. यदि आपने अभी तक न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब नहीं किया है तो आज ही सब्सक्राइब करें
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प्रोड्यूसर- लिपि वत्स और आदित्य वारियर
एडिटिंग - सतीश कुमार
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह
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