कैसे कोविड-19 और लॉकडाउन ने राजस्थान के गांवों की अर्थव्यवस्था को कर दिया बर्बाद?

राजस्थान के दौसा में खादी, पीतल बर्तन बनाने वालों और कपड़ा व्यापारियों पर कोरोना का कहर भारी पड़ा. यहां रोज़ लाखों रुपयों का नुकसान हो रहा है. जबकि कई परिवार बेरोज़गार हो गए.

राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक घंटे की दूरी पर है दौसा. जहां खादी निर्माण इकाइयां कोरोना महामारी की आर्थिक मार झेल रही हैं. इस साल यहां 2021 में बिक्री में तेज़ गिरावट दर्ज की गई है. दौसा का खादी उद्योग दो हज़ार परिवारों को रोज़गार देता है. अगर स्थिति में सुधार नहीं आया या सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया तो, इन इकाइयों को बचा पाना बहुत मुश्किल है.

दौसा के बलहेरी गांव में कारीगरों का एक समुदाय अपना गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहा है क्योंकि उनके द्वारा बनाए गए पीतल के बर्तनों के लिए मुश्किल से कोई ऑर्डर मिल रहा है. नया कतला बाजार में, विक्रेताओं का कहना है कि महामारी के दौरान उन्हें दैनिक आधार पर एक लाख रुपये से दो लाख रुपये का नुकसान हो रहा है.

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