अलवर: कोविड और राजनीति में फंसकर मर गए मरीज़

शहर का एक अस्पताल कोरोना संकट की गंभीरता को कम कर सकता था अगर यह पूरी तरह कार्यात्मक होता. लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ?

  • whatsapp
  • copy

राजस्थान के अलवर में, महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन, आईसीयू बेड और वेंटीलेटर की कमी के कारण कोविड मरीज़ों की मृत्यु हो गई. शहर का एक बड़ा सरकारी अस्पताल अगर पूरी तरह से काम करता तो संकट की गंभीरता को कम किया जा सकता था. 33 वर्षीय राहुल शर्मा की 22 मई को मृत्यु हो गई. शहर में इलाज नहीं मिल पाने के कारण उन्हें दौसा ले जाना पड़ा. वहां भी उन्हें न ऑक्सीजन मिला, न उन्हें कोई डॉक्टर देखने आया.

परिवार का कहना है कि अगर अलवर का ईएसआई अस्पताल चालू होने के लिए किसी नेता द्वारा उद्घाटन का इंतज़ार नहीं करता तो शायद उनके बेटे की जान बच जाती. यह कहानी केवल राहुल की नहीं है. उनके जैसे अलवर के कई मरीज़ ईएसआई अस्पताल से उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें वहां इलाज मिलेगा मगर सरकार ने राजनेता द्वारा अस्पताल शुरू कराने में देरी कर दी.

Also see
राजस्थान: क्या पत्रकार आशीष शर्मा की मौत का ज़िम्मेदार अस्पताल है?
"हम नहीं लगवाएंगे ज़हर का टीका": राजस्थान के गांव में फैला कोरोना टीके का खौफ
subscription-appeal-image

Press Freedom Fund

Democracy isn't possible without a free press. And the press is unlikely to be free without reportage on the media.As India slides down democratic indicators, we have set up a Press Freedom Fund to examine the media's health and its challenges.
Contribute now
newslaundry logo

Pay to keep news free

Complaining about the media is easy and often justified. But hey, it’s the model that’s flawed.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like