लोगों को लगता है कि टीका लगवाने के बाद उन्हें तेज़ बुखार आएगा और वो मर जाएंगे.
गांव में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं जो घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण के फायदे और बचाव के बारे में बताती हैं. लेकिन उन्हें देखते ही लोग अपने घरों में छुपने लगते हैं.
रघुनाथगढ़ के निवासी अनवर खान कहते है, “टीके की दूसरी डोज लेने के बाद लोगों को कमज़ोरी और बुखार महसूस हुआ. इसके चलते पड़ोसी टीका लगवाने से घबरा रहे हैं. लोग इसे 'ज़हर की सुई' कह रहे हैं. मतलब सुई (टीका) लगाकर लोगों के शरीर में कोरोना इंजेक्ट किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो हैं."
सरपंच प्रतिनिधि खुर्शीद खान ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स को देखकर भी गांव के लोगों में डर बैठ गया है.
"उन्हें लगता है टीका लगवाने से वो मर जाएंगे. गांव में 18 से 45 वर्ष के लोगों का अब तक केवल दो बार टीकाकरण हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके ग्रुप के लिए टीके की कमी है." खुर्शीद बताते हैं.
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