गांव में हालात इतने खराब हैं कि यहां सैनिटाइज़र और पैरासिटामोल जैसी बेसिक दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं.
कोरोना का कहर शहरों से निकलकर गांवों तक फ़ैल गया है. सरकारी दावे चाहे कुछ भी कहें लेकिन गांवों की हकीकत यह है कि यहां बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है. आजमगढ़ के संजरपुर गांव में पिछले महीने 20 से अधिक मौतें हो गई. सभी को कोविड के लक्षण जैसे खांसी, बुखार और निमोनिया था. गांव में एक ही गली के सात परिवारों में मरीज़ों ने घर पर ही दम तोड़ दिया. किसी को अस्पताल में बेड नहीं मिल पाया, तो किसी को ऑक्सीजन नहीं मिली. इनमें से किसी की भी कोरोना जांच नहीं की गई थी.
गांव में हालात इतने खराब हैं कि यहां सैनिटाइज़र और पैरासिटामोल जैसी बेसिक दवाइयां भी नहीं मिल रही हैं. गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में किसी डॉक्टर के न होने के चलते लोग झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर हैं. इस बीच सरकार से हारकर गांव के लोग अब खुद ही कमर कस रहे हैं. गांव के ही कुछ लोग कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. गांव में कार्यकर्ता लोगों को कोरोना किट और दवा बांटकर मदद कर रहे हैं.