किसानों की आमदनी दोगुनी करने को लेकर बनी दलवाई कमेटी के प्रमुख डॉ. अशोक दलवाई सेबातचीत.
माना उत्पादन में वृद्धि हुई है, लेकिन उसके साथ ही लागत भी तो बढ़ गई है. आपके सात सुझाव में एक लागत में कमी करना था. एक मार्च 2016 में डीजल की कीमत दिल्ली में लगभग 47 रुपए थी, वहीं 25 मार्च 2021 में 90 रुपए के करीब थी. खाद और कृषि मज़दूरों की मज़दूरी में भी वृद्धि हुई है. यूरिया का वजन कम कर दिया गया और कीमत बढ़ा दी गई. दूसरी तरह अगर साल 2016-17 में गेहूं की एमएसपी 1525 रुपए थी जो तीन साल बाद 2019-20 में ये 1840 रुपए हुआ यानी तीन सौ रुपए की वृद्धि हुई. ऐसे में किसानों की आमदनी कैसे दोगुनी होगी?
इस सवाल के जवाब में दलवाई कहते हैं, ‘‘हमें ये मानना पड़ेगा की कुछ फैक्टर हमारे कंट्रोल के बाहर रहता है. जैसे डीजल की कीमत अभी बढ़ गई है. हालांकि लागत को कम करने के लिए हमारी कोशिश एक ये है कि चीजों (खाद, ट्रैक्टर आदि) का इस्तेमाल कम हो. अगर इसका इस्तेमाल ही कम हो जाए तो लागत में कमी आ जाएगी. दूसरी बात लागत बढ़ी है लेकिन साथ ही उत्पादन भी बढ़ा है.’’
डीजल की कीमत बढ़ने पर जहां अशोक दलवाई उसके इस्तेमाल कम करने की बात करते हैं. वहीं साल 2018 में एक इंटरव्यू में किसानों को खुशहाल बताने के लिए उन्होंने दावा किया था कि भारत में एक साल में 7 लाख ट्रैक्टर निकाले गए हैं.
तीनों कृषि कानूनों को वे किसानों और खेती के हित में बताते हैं. अशोक दलवाई को उम्मीद है कि सरकार सही रास्ते पर है और 2022-23 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी.