चमोली आपदा: ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से भयंकर बाढ़ और तबाही फैली?

उत्तराखंड की 2013 में हुई त्रासदी और 2021 में चमोली की घटना एक जैसी नहीं है. न ही भूकंप और अत्यधिक वर्षा इस भूस्खलन का कारण हो सकती है.

WrittenBy:अक्षित सनगोमला
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अक्षित संगोमला: आप निश्चित तरीके से कैसे कह सकते हैं कि चमोली आपदा की वजह भूस्खलन है?

डैनियल शुगर- हम 100 फीसदी निश्चित तरीके से यह नहीं कह सकते हैं कि दूसरे कारण नहीं हैं. लेकिन सेटेलाइट इमेजरी के तहत लैंडस्लाइड के जो निशान मिले हैं साथ ही सेटेलाइट इमेज में दिखाई देने वाला धूल-गुबार एक ठोस तरीके से यकीन पैदा करने वाला तर्क (मेरे दिमाग में) पैदा करता है कि एक बड़ा भूस्खलन हुआ है. जो वीडियो मैंने देखा उसमें निचले क्षेत्र में बाढ़ के साथ धूल और नमी के बड़े बादल थे. सिर्फ एक सवाल मेरे दिमाग में अब भी शेष है कि इतना पानी कहां से आया? इसकी कई तरह की संभावनाएं हैं.

लैंडस्लाइड चट्टान और ग्लेशियर बर्फ का मिश्रण है. बड़े पैमाने पर इस तरह के लैंडस्लाइड में हीट पैदा होती है जिसके कारण ठीक-ठाक स्तर की बर्फ पिघली होगी. जब बड़ा टुकड़ा जमीन से टकराया होगा, संभव है कि पूर्व में बड़े ग्लेशियर (नाम नहीं मालूम) के सामने कोई पिघला हुआ बर्फ गिरा हो. लेकिन वीडियो में दिखने वाले पानी की मात्रा काफी अधिक है, इसलिए यहां मैं पानी के किसी अन्य स्रोत के बारे में अंदाजा लगा रहा हूं.

यह संभव है कि ऋषिगंगा या धौलीगंगा के पास लैंडस्लाइड अस्थायी तौर पर ब्लॉक हो गया हो, एक झील बन गई हो और बाद में फट गई हो. यह अभी मेरे द्वारा लगाया गया कयास है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बारे में और अधिक जान पाएंगे जब आज वैज्ञानिक साइट पर पहुंचेगे.

अक्षित संगोमला- लैंडस्लाइड (भूस्खलन) की क्या वजह हो सकती है?

डैनियल शुगर- अभी हम लैंडस्लाइड की वजह नहीं जान सकते हैं. सेटेलाइट इमेजरी यह सुझाती है कि कुछ दिन पहले कुछ बर्फ पिघली थी और जिसके कारण पानी जमा हुआ. (मैं सोचता हूं कि इस एल्टीट्यूड पर फरवरी में यह होना अजीब है.)

यदि यह हुआ है तो जमा हुए पानी ने चट्टानों को अस्थिर किया और उन्हें लुगदी और अधिक फिसलने वाला बना दिया. मुझे ऐसा लगता है कि इसकी वजह से भी हो सकता है कि भूस्खलन हुआ हो.

अक्षित संगोमला- यह उत्तराखंड 2013 की त्रासदी जिसे हिमालय की सुनामी कहा जाता है, उससे कैसे अलग है?

डैनियल शुगर- जहां तक मैं समझता हूं कि 2013 में बाढ़ मानसून की अवधि में हुई थी. भारी वर्षा के कारण फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड हुई थी. 2015 में पेपर में कई फोटो यह दर्शाते हैं कि सतह पर मिट्टी और वनस्पतियां टिक नहीं पाई थीं. वह दूसरी तरह की मास वास्टिंग है. लैंडस्लाइड मास वास्टिंग का एक प्रकार है, लेकिन साधारण लोगों के जरिए यह इस्तेमाल किया जाता है या समझा जाता है जैसा (7 फरवरी, 2021) बीते कल की घटना को भी ऐसा ही देखा जा रहा है.

मैं, 2013 की घटना के बारे में बहुत कुछ नहीं जानता हूं लेकिन कल जो हुआ उसे रॉक एवालांच कहना चाहूंगा. दूसरे शब्दों में कहें कि जिसमें सिर्फ शीर्ष पर मिट्टी ही नहीं बल्कि बेडरॉक (तलवर्ती चट्टान का स्खलन) भी शामिल होगा. यह बहुत बड़ा होगा और ठीक-ठाक ग्लेशियल बर्फ भी इसमें शामिल रहा होगा. इसलिए पानी की एक बड़ी भूमिका है लेकिन 2013 में वर्षा और 2021 में बर्फ का पिघलना, दोनों में काफी फर्क है.

(डाउन टू अर्थ)

अक्षित संगोमला: आप निश्चित तरीके से कैसे कह सकते हैं कि चमोली आपदा की वजह भूस्खलन है?

डैनियल शुगर- हम 100 फीसदी निश्चित तरीके से यह नहीं कह सकते हैं कि दूसरे कारण नहीं हैं. लेकिन सेटेलाइट इमेजरी के तहत लैंडस्लाइड के जो निशान मिले हैं साथ ही सेटेलाइट इमेज में दिखाई देने वाला धूल-गुबार एक ठोस तरीके से यकीन पैदा करने वाला तर्क (मेरे दिमाग में) पैदा करता है कि एक बड़ा भूस्खलन हुआ है. जो वीडियो मैंने देखा उसमें निचले क्षेत्र में बाढ़ के साथ धूल और नमी के बड़े बादल थे. सिर्फ एक सवाल मेरे दिमाग में अब भी शेष है कि इतना पानी कहां से आया? इसकी कई तरह की संभावनाएं हैं.

लैंडस्लाइड चट्टान और ग्लेशियर बर्फ का मिश्रण है. बड़े पैमाने पर इस तरह के लैंडस्लाइड में हीट पैदा होती है जिसके कारण ठीक-ठाक स्तर की बर्फ पिघली होगी. जब बड़ा टुकड़ा जमीन से टकराया होगा, संभव है कि पूर्व में बड़े ग्लेशियर (नाम नहीं मालूम) के सामने कोई पिघला हुआ बर्फ गिरा हो. लेकिन वीडियो में दिखने वाले पानी की मात्रा काफी अधिक है, इसलिए यहां मैं पानी के किसी अन्य स्रोत के बारे में अंदाजा लगा रहा हूं.

यह संभव है कि ऋषिगंगा या धौलीगंगा के पास लैंडस्लाइड अस्थायी तौर पर ब्लॉक हो गया हो, एक झील बन गई हो और बाद में फट गई हो. यह अभी मेरे द्वारा लगाया गया कयास है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस बारे में और अधिक जान पाएंगे जब आज वैज्ञानिक साइट पर पहुंचेगे.

अक्षित संगोमला- लैंडस्लाइड (भूस्खलन) की क्या वजह हो सकती है?

डैनियल शुगर- अभी हम लैंडस्लाइड की वजह नहीं जान सकते हैं. सेटेलाइट इमेजरी यह सुझाती है कि कुछ दिन पहले कुछ बर्फ पिघली थी और जिसके कारण पानी जमा हुआ. (मैं सोचता हूं कि इस एल्टीट्यूड पर फरवरी में यह होना अजीब है.)

यदि यह हुआ है तो जमा हुए पानी ने चट्टानों को अस्थिर किया और उन्हें लुगदी और अधिक फिसलने वाला बना दिया. मुझे ऐसा लगता है कि इसकी वजह से भी हो सकता है कि भूस्खलन हुआ हो.

अक्षित संगोमला- यह उत्तराखंड 2013 की त्रासदी जिसे हिमालय की सुनामी कहा जाता है, उससे कैसे अलग है?

डैनियल शुगर- जहां तक मैं समझता हूं कि 2013 में बाढ़ मानसून की अवधि में हुई थी. भारी वर्षा के कारण फ्लैश फ्लड और लैंडस्लाइड हुई थी. 2015 में पेपर में कई फोटो यह दर्शाते हैं कि सतह पर मिट्टी और वनस्पतियां टिक नहीं पाई थीं. वह दूसरी तरह की मास वास्टिंग है. लैंडस्लाइड मास वास्टिंग का एक प्रकार है, लेकिन साधारण लोगों के जरिए यह इस्तेमाल किया जाता है या समझा जाता है जैसा (7 फरवरी, 2021) बीते कल की घटना को भी ऐसा ही देखा जा रहा है.

मैं, 2013 की घटना के बारे में बहुत कुछ नहीं जानता हूं लेकिन कल जो हुआ उसे रॉक एवालांच कहना चाहूंगा. दूसरे शब्दों में कहें कि जिसमें सिर्फ शीर्ष पर मिट्टी ही नहीं बल्कि बेडरॉक (तलवर्ती चट्टान का स्खलन) भी शामिल होगा. यह बहुत बड़ा होगा और ठीक-ठाक ग्लेशियल बर्फ भी इसमें शामिल रहा होगा. इसलिए पानी की एक बड़ी भूमिका है लेकिन 2013 में वर्षा और 2021 में बर्फ का पिघलना, दोनों में काफी फर्क है.

(डाउन टू अर्थ)

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