डिजिटल प्लेटफॉर्म को आय का ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि लोगों तक विश्वसनीय खबरें पहुंचाने के लिए काफी खर्च करना पड़ता है.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारतीय डिजिटल मीडिया संस्थानों के साथ विज्ञापन आय साझा करने को लेकर पत्र लिखा है.
इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ और एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने यह पत्र गूगल इंडिया के प्रमुख संजय गुप्ता को लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को आय का ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि लोगों तक विश्वसनीय खबरें पहुंचाने के लिए काफी खर्च करना पड़ता है.
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeपत्र में आगे कहा गया हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अपने कंटेंट और डिस्ट्रीब्यूट करने के तरीकों में मौलिक रूप से बदलाव किया है और देश की अधिकांश जनता खबरों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रही है. इस वजह से ट्रेडिशनल मीडिया, न्यूज ऑर्गेनाइजेशन और डिजिटल टेक्निकल प्लेटफॉर्म के बीच असंतुलन हो गया है.
न्यूज ऑर्गेनाइजेशन विश्वसनीय खबरों के लिए अपने एंकर, पत्रकार और रिपोर्टर पर काफी निवेश करती है, लेकिन इसका रिटर्न नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि विज्ञापन के पैसे का अधिकांश हिस्सा मध्यस्थ प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म जैसे गूगल, यूट्यूब, फेसबुक आदि के पास चला जाता है.
एनबीए ने आगे लिखा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों ने आय साझा करने को लेकर अपनी संसद में कानून बनाया है. यह कानून गूगल, फेसबुक और अन्य टेक्निकल एजेंसी के लिए बनाया है.
पत्र में उम्मीद जताई गई है कि गूगल भारत में भी न्यूज एजेंसी के मालिकों के साथ समान मानदंडों को लागू करेगा. और इस सिलसिले में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी करेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने गूगल को पत्र लिखकर अखबारों की सामग्री इस्तेमाल करने के लिए भुगतान करने को कहा था.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने दिग्गज टेक कंपनी गूगल को भारतीय डिजिटल मीडिया संस्थानों के साथ विज्ञापन आय साझा करने को लेकर पत्र लिखा है.
इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ और एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा ने यह पत्र गूगल इंडिया के प्रमुख संजय गुप्ता को लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म को आय का ज्यादा हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि लोगों तक विश्वसनीय खबरें पहुंचाने के लिए काफी खर्च करना पड़ता है.
पत्र में आगे कहा गया हैं कि डिजिटल प्लेटफॉर्म ने अपने कंटेंट और डिस्ट्रीब्यूट करने के तरीकों में मौलिक रूप से बदलाव किया है और देश की अधिकांश जनता खबरों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रही है. इस वजह से ट्रेडिशनल मीडिया, न्यूज ऑर्गेनाइजेशन और डिजिटल टेक्निकल प्लेटफॉर्म के बीच असंतुलन हो गया है.
न्यूज ऑर्गेनाइजेशन विश्वसनीय खबरों के लिए अपने एंकर, पत्रकार और रिपोर्टर पर काफी निवेश करती है, लेकिन इसका रिटर्न नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि विज्ञापन के पैसे का अधिकांश हिस्सा मध्यस्थ प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म जैसे गूगल, यूट्यूब, फेसबुक आदि के पास चला जाता है.
एनबीए ने आगे लिखा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों ने आय साझा करने को लेकर अपनी संसद में कानून बनाया है. यह कानून गूगल, फेसबुक और अन्य टेक्निकल एजेंसी के लिए बनाया है.
पत्र में उम्मीद जताई गई है कि गूगल भारत में भी न्यूज एजेंसी के मालिकों के साथ समान मानदंडों को लागू करेगा. और इस सिलसिले में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी करेंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय न्यूजपेपर सोसायटी (आईएनएस) ने गूगल को पत्र लिखकर अखबारों की सामग्री इस्तेमाल करने के लिए भुगतान करने को कहा था.
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