अंग्रेजी का नंबर 1 मीडिया समूह भी मेहुल चौकसी का बिजनेस पार्टनर

बीसीसीएल ने मेहुल चौकसी की कंपनी में निवेश किया जबकि एचटी मीडिया लिमिटेड निवेश करते-करते रुक गया.

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टाइम्स ऑफ इंडिया, नवभारत टाइम्स और इकोनॉमिक टाइम्स नाम से देश के तीन सबसे बड़े अख़बार प्रकाशित करने वाला मीडिया समूह बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीसीएल) भी नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स में निवेशक है.

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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीएल ने अगस्त 2017 और अक्टूबर 2017 में गीतांजलि जेम्स की दो सहायक फर्मों, नक्षत्र ब्रांड्स लिमिटेड और गिली इंडिया लिमिटेड में 32.5 करोड़ रुपए के पांच कन्वर्टिबल वारंट अलग-अलग जारी किए.

कन्वर्टिबल वारंट असल में लॉन्ग टर्म सिक्योरिटी बॉन्ड होते हैं. इसमें कंपनी के बॉन्ड और साथ में वरीयता वाले शेयर शामिल होते हैं. उन बड़े निवेशकों को कन्वर्टिबल वारंट आकर्षित करते हैं जो परंपरागत बॉन्ड के मुकाबले कम समय में ज्यादा रिटर्न पाने के लिए निवेश करना चाहते हैं. कन्वर्टिबल वारंट के साथ निवेशक को दोहरा फायदा होता है. उसे परंपरागत बॉन्ड के सभी फायदे तो मिलते ही हैं साथ ही निवेशक के पास यह विकल्प भी होता है कि अगर वह चाहे तो अपने बॉन्ड को कंपनी के शेयर में बदल सकता है. अक्सर जब किसी कंपनी के शेयर कीमतों में असामान्य उछाल आता है तब इस तरह के कन्वर्टिबल वारंटधारी निवेशक अपने बॉन्ड को शेयर में बदल कर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि किसी कंपनी द्वारा कन्वर्टिबल वारंट जारी करना गैरकानूनी नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक देश की एक और बड़ी मीडिया कंपनी एचटी मीडिया लिमिटेड भी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड में निवेश के लिए बातचीत कर रही थी. लेकिन अंतिम चरण में किन्हीं कारणवश उसने निवेश का निर्णय टाल दिया. यह प्रक्रिया इतनी आगे बढ़ चुकी थी कि गीतांजलि जेम्स ने अपने शेयरधारकों से इस नए निवेश के लिए सहमति भी ले ली थी. एचटी मीडिया लिमिटेड देश का प्रमुख मीडिया संस्थान है. यह हिंदुस्तान टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान और मिंट नाम से अख़बार प्रकाशित करता है.

गीतांजली जेम्स ने अपने शेयरधारकों से एचटी मीडिया लिमिटेड के लिए 10 कन्वर्टिबल वारंट जारी करने की सहमति ली थी. इसके बदले में 30.67 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना थी. यह एक दिसंबर, 2017 की बात है.

एचटी मीडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी पियूष गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनकी कंपनी ने गीतांजलि जेम्स में निवेश के संबंध में आकलन किया था लेकिन अंतत: उन्होंने किसी तरह का निवेश नहीं किया.

इस संबंध में बीसीसीएल समूह की तरफ से कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है.

गौरतलब है कि मेहुल चौकसी, उनके भांजे नीरव मोदी और उनके परिवार के अन्य सदस्य फिलहाल देश से बाहर हैं. उनके ऊपर पंजाब नेशनल बैंक ने 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. सीबीआई चौकसी और मोदी समेत उनके कई परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई कर रही है.

इस मामले में दिलचस्प तथ्य यह है कि सीबीआई ने पीएनबी की शिकायत पर चौकसी और नीरव मोदी के परिजनों के खिलाफ 31 जनवरी, 2018 को एफआईआर दर्ज की. जबकि महज दो महीने पहले एक दिसंबर, 2017 को एचटी मीडिया इसमें निवेश की प्रक्रिया में था.

बीसीसीएल द्वारा किए गए निवेश की शर्तों पर एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि गीतांजलि जेम्स और गिली इंडिया ने पांच साल की अवधि के कन्वर्टिबल वारंट जारी किए थे. पांच वर्ष की अवधि में बीसीसीएल कभी भी अपने वारंट को कन्वर्ट करवा सकती है. अगर 59 महीने में बीसीसीएल अपने वारंट को कन्वर्ट नहीं करवाती है तो गीतांजलि जेम्स और गिली इंडिया दोनों बीसीसीएल को 38.5 करोड़ अलग-अलग भुगतान करेंगे.

गीतांजलि जेम्स, गीतांजलि समूह की एक लिस्टेड फर्म है. पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद 14 फरवरी से अब तक गीतांजलि जेम्स का बाजार मूल्य 693 करोड़ से घटकर 360 करोड़ यानी लगभग आधा रह गया है.

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