बिहार चुनाव में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान अपने घर लौटे मजदूर एक बड़ा मुद्दा है. वो दिन याद करके बिहार के मजदूर नीतीश कुमार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.
बिहार चुनाव में रोजगार और लॉकडाउन में घर लौटे मज़दूर एक बड़ा चुनावी मुद्दा हैं. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का दावा है कि उसने प्रदेश में रोजगार का सृजन किया और लॉकडाउन में लौटे मज़दूरों को कई तरह की सहूलियतें दी गईं. लेकिन आंकड़े कुछ और गवाही देते हैं. दूसरी तरफ विपक्ष भी सरकार पर रोजगार नहीं देने और बिहार से बाहर फंसे मज़दूरों को वापस बुलाने पर आनाकानी करने का आरोप लगा रहा है.
न्यूजलॉन्ड्री ने अपनी चुनावी यात्रा के दौरान गया के बाटा चौक पर काम की तलाश में पहुंचे मज़दूरों से बात की. यहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में मज़दूर काम की तलाश में पहुंचते हैं. ये मज़दूर गया और उसके आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं. ज़्यादातर मजदूरों की बातचीत में नीतीश सरकार से नाराजगी झलकती है. लोगों ने आरोप लगाया कि ये सरकार रोजगार नहीं दे पायी, इसलिए हमें भूखा रहना पड़ रहा है.
नीतीश कुमार के सत्ता में लौटने के सवाल पर ज्यादातर मज़दूरों का कहना था कि इस बार नीतीश कुमार सत्ता में नहीं पहुंच पाएंगे.
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