हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देकर रद्द करना और एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर किसानों के दिल्ली कूच का ऐलान आदि रहे.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बाद पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और भारतीय कृषि विज्ञानी डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान, बंगाल के परगना जिले संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां पर महिलाओं के उत्पीड़न का आरोप, जिसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और आरएसएस की साजिश बताया आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहीं.
तमिलनाडु विधानसभा में एक देश, एक चुनाव और परिसीमन करने के खिलाफ प्रस्ताव पारित, आईटी ट्रिब्यूनल की अगले हफ्ते की सुनवाई तक कांग्रेस पार्टी के बैंक अकाउंट्स से फ्रीज हटाया गया और पाकिस्तान के चुनावों में नवाज शरीफ की पार्टी को मिली सबसे ज्यादा सीटें आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में बनी रही.
इस हफ्ते चर्चा में एडीआर के सह-संस्थापक एवं पूर्व प्रोफेसर जगदीप छोकर शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से अभिनंदन सेखरी, शार्दूल कात्यायन और हृदयेश जोशी ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा के प्रमुख विषय सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देने को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “चुनाव सुधार का एक बहुत बड़ा मुद्दा है, जो लंबे समय से अटका है, क्या इस फैसले से उसका रास्ता खुलेगा, साथ में इस इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पिछले पांच सालों में जो नुकसान हुआ है क्या उनकी कोई जवाबदेही तय होने का रास्ता इस फैसले में है?”
इसके जवाब में जगदीप छोकर कहते हैं, “इस फैसले से जो बदमाशी 2017 में शुरू की गई थी, वो खत्म हो गई है. इसमें सबसे बड़ी खराबी ये थी कि सत्तारूढ़ दल को दूसरे दलों का चंदा बंद करवाने का अच्छा तरीका मिल गया था. दूसरी खराबी ये थी कि जनता को जो सूचना मिलती है, उसको बंद करवा दिया, तो सूचना के अधिकार का भी इसमें उल्लंघन था. फिलहाल, फैसले के बाद ये दोनों खामियां हटा दी गई हैं. क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड ऐसे ही चलते रहते तो देश में एक ही पार्टी का राज रह जाता. ये लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा था. मुझे ये शांति है कि फिलहाल वो खतरा टल गया है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमारा लोकतंत्र बड़ा अच्छा हो गया है.”
सुनिए पूरी चर्चा-
टाइम कोड्स
00 - 05:03 - इंट्रो और जरूरी सूचना
05:04 - 23:52 - सुर्खियां
23:53 - 1:11:40 - सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देकर रद्द किए जाने का फैसला
1:11:41 - 1:25:18 - किसान आंदोलन, एमएसपी समेत उनकी अन्य मांगें, सरकार के साथ बैठक, पिछले आंदोलन के दौरान उन पर दर्ज एफआईआर वापस न लेना
1:25:19 - 1:27:03 - सब्सक्राइबर्स के मेल
1:27:04 - 1:40:16 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
हृदयेश जोशी
एडीआर की वेबसाइट
इलेक्टोरल बॉन्ड पर नितिन सेठी की रिपोर्ट सीरीज
पॉल आर. ब्रास की किताब- एन इंडियन पॉलिटिकल लाइफ: चरण सिंह एंड कांग्रेस पॉलिटिक्स
शार्दूल कात्यायन
न्यूज़लॉन्ड्री पर जगदीप छोकर का लेख
जॉन स्टीवर्ट की पॉलिटिकल कमेंट्री- द डेली शो
साहिर लुधियानवी की किताब- तल्खियां
अभिनंदन सेखरी
दंगल फिल्म का शीर्षक गीत
जगदीप छोकर
सलाह- देश के बारे में सोचेंं.
अतुल चौरसिया
नमित अरोरा की किताब- इंडियन्स
इलेक्टोरल बॉन्ड पर नितिन सेठी की रिपोर्ट सीरीज
इलेक्टोरल बॉन्ड: जो पैसा राजनीतिक दलों के खाते में जा रहा है उसका बोझ करदाता उठा रहा है
इलेक्टोरल बांड घोटाला: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गलतबयानी का कच्चा चिट्ठा
इलेक्टोरल बांड: वित्त विधेयक बनाकर इसे राज्यसभा की निगहबानी से कैसे बचाया अरुण जेटली ने
इलेक्टोरल बॉन्ड: कभी जेटली ने झूठ बोला अब पियूष गोयल झूठ बोल रहे हैं
चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने इलेक्टोरल बॉन्ड की अवैध बिक्री का आदेश दिया
इलेक्टोरल बॉन्ड पर चुनाव आयोग के विरोध को झूठ पर झूठ बोलकर दबाया गया
अरुण जेटली के बजट भाषण से दो दिन पहले ही आरबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड का विरोध किया था
ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद
एडिटिंग: उमराव सिंह
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