राजस्थान चुनाव: सुरक्षा के भरोसे और कार्रवाई के वादों पर कितना यकीन करती हैं महिला वोटर? 

राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार महिला सुरक्षा प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है. 

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राजस्थान में कुछ दिनों में मतदान होने वाला है. इस बार महिला सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में से एक बलात्कार प्रमुख चुनावी मुद्दा है. 

राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों (2021) के अनुसार, राजस्थान में प्रति एक लाख आबादी पर 16.4 फीसदी की दर से बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. जो देश में सबसे ज्यादा है.

राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ होने वाले बलात्कार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पार्टी के लोग लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमले कर रहे हैं. वे आरोप लगा रहे हैं कि गहलोत ने राजस्थान को महिलाओं के लिए ‘सबसे असुरक्षित’ राज्य बना दिया है. 

ऐसे में इस पूरे मुद्दे पर महिला मतदाताएं क्या सोचती हैं, ये जानने के लिए हमने राज्य की कुछ महिला मतदाताओं से बात की. इसके लिए हमने वंदे भारत में सवार यात्रियों से बात की. जयपुर से उदयपुर तक के सात घंटे के सफर के दौरान हमें महिला मतदाताओं के विभिन्न विचार देखने को मिले. हालांकि, लगभग सभी महिला यात्री इस बात पर एकमत थीं कि उन्हें अंधेरा होने के बाद घर से बाहर निकलने में डर लगता है. 

एक महिला ने कहा, “पहले मुझे लगता था कि दिल्ली देश में महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक है. लेकिन जब हम अखबारों में ऐसे मामलों के बारे में पढ़ते हैं तो हमें लगता है कि राजस्थान में भी स्थिति कोई बेहतर नहीं है.” 

इसी तरह एक मेडिकल इंटर्न ने कहा, “असामाजिक तत्वों की जांच में पुलिस ढिलाई बरतती है जिसके कारण वह रात में उदयपुर के किसी पर्यटक स्थल पर नहीं जा सकती.” 

महिला सुरक्षा को लेकर यात्रियों का आकलन कांग्रेस सरकार के प्रति निराशाजनक था. इसी तरह एक महिला ने कांग्रेस सरकार को 10 में से 5 अंक दिए. एक अन्य ने बताया कि जब उन्होंने भीलवाड़ा सामूहिक बलात्कार के बारे में सुना तब उनको तगड़ा झटका लगा. 

इस दौरान हमारी मुलाकात एक ऑस्ट्रेलियाई जोड़े से भी हुई. जिन्होंने एशियाई देशों में  महिलाओं की स्वतंत्रता को लेकर अपना अनुभव साझा किया. 

देखिए ये वीडियो रिपोर्ट. 

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