बीबीसी के ये नए सोशल मीडिया नियम प्रमुख कार्यक्रमों के मेजब़ानों पर लागू होते हैं.
बीबीसी से जुड़े हाई प्रोफाइल प्रस्तुतकर्ता विभिन्न मुद्दों पर अपने "विचार व्यक्त" कर सकते हैं लेकिन उन्हें "राजनीतिक प्रचार की छूट नहीं है.” ऐसा ही कुछ सारांश है बीबीसी की ओर हाल ही में जारी किए नए सोशल मीडिया नियमों का.
ब्रिटिश प्रसारक बीबीसी ने प्रमुख कार्यक्रमों से जुड़े प्रस्तोताओं के लिए ये नए नियम बनाए हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “बीबीसी से जुड़ाव के कारण प्रस्तुतकर्ताओं को उसके निष्पक्षता के सिद्धांत का सम्मान करना जरूरी है."
बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "नये दिशानिर्देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को भली भांति समझते हैं लेकिन जब किसी (खेल) श्रृंखला का कार्यक्रम प्रसारित हो रहा है तो उससे दो सप्ताह पहले और बाद तक प्रमुख शो के प्रस्तुतकर्ता किसी राजनीतिक दल का समर्थन या उनकी आलोचना न करें".
इन प्रमुख शो में विशेष खेल आयोजन के अलावा मैच ऑफ द डे, द अपरेंटिस, एंटीक्स रोड शो, टॉप गियर, मास्टरशेफ और स्ट्रिक्टली कम डांसिंग आदि शामिल हैं. नए दिशानिर्देशों के उल्लंघन करने पर "अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, जिसमें रोजगार की समाप्ति की संभावना भी शामिल है."
मालूम हो कि इस साल की शुरुआत में गैरी लिनेकर विवाद के बाद नियम तैयार किए गए हैं. ब्रिटिश सरकार की आप्रवासन नीति की आलोचना करने के बाद पूर्व फुटबॉलर लिनेकर को ‘मैच ऑफ द डे’ के मेजबान के पद से निलंबित कर दिया गया था. लिनेकर ने कहा था कि ब्रिटिश गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन शरण चाहने वालों को रोकने की योजनाओं का समर्थन करने के लिए नाजी जर्मनी जैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे.
बीबीसी के उन्हें निलंबित करने पर अन्य टिप्पणीकार, कोच और सह-मेजबान ने उनके पक्ष में एकजुटता दिखाते हुए शो का बहिष्कार भी किया.
लिनेकर ने चैनल के नए नियमों को लेकर गुरुवार को एक ट्वीट किया. जिसमें नए नियमों पर टिप्पणी लिखते हुए कहा, “सब लोग समझदार’ हैं.”
लिनेकर विवाद पर अधिक संदर्भ के लिए और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर इसमें कैसे शामिल हुए ये जानने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री की ये रिपोर्ट पढ़ें.
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