पत्रकार गोविंद वाकाडे को महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा उन पर 'स्याही हमले' में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद हिरासत में लिया गया था.
पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ में नेटवर्क 18 के पत्रकार गोविंद वाकाडे को हिरासत में लिया गया. मुंबई प्रेस क्लब ने इसकी निंदा कर बयान जारी किया है.
बता दें कि नेटवर्क 18 के आईबीएन लोकमत चैनल के लिए काम करने वाले वकाडे को महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा "इंक अटैक" में उनकी भूमिका पर सवाल उठाने के बाद रविवार सुबह हिरासत में लिया गया.
मुंबई प्रेस क्लब ने आधी रात को जारी एक बयान में कहा कि वाकाडे पुणे के पास महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री चंद्रकात पाटिल के एक सार्वजनिक समारोह को कवर कर रहे थे, तब कुछ प्रदर्शनकारियों ने समाज सुधारक ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब अंबेडकर पर टिप्पणी करने के लिए मंत्री पर स्याही फेंकी. इसके बाद मंत्री ने बिना किसी जांच या सबूत के गोविंद वाकाडे पर विरोध का हिस्सा होने का आरोप लगाया. साथ ही पुलिस से पत्रकार को हिरासत में लेने और उनके खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया.
प्रेस क्लब ने आगे कहा गया कि पाटिल ने पत्रकार को डराने और परेशान करने के लिए पुलिस का इस्तेमाल किया, जो सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहा था. हालांकि प्रेस क्लब विरोध के किसी भी हिंसक रूप का समर्थन नहीं करता है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पत्रकार को शुरू में जाने दिया गया लेकिन अगले दिन सुबह 9 बजे पुलिस स्टेशन लौटने के लिए कहा गया. उसके बाद उसे पूरे दिन हिरासत में रखा गया. अखबार ने पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे के हवाले से लिखा, "हम उनकी भूमिका की जांच कर रहे हैं. मैं इस स्तर पर कुछ नहीं कह सकता."
वाकाडे की हिरासत के कारण स्थानीय पत्रकार संगठनों ने इसका विरोध किया और मंत्री के आरोपों की निंदा की. इनमें से कई वाकाडे के समर्थन में चिंचवाड़ पुलिस स्टेशन में एकत्र हुए.