अडानी-हिंडनबर्ग विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'मीडिया पर नहीं लगा सकते रोक'

इससे पहले कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और उससे बाजार पर पड़ने वाले असर की जानकारी केंद्र सरकार द्वारा सीलबंद लिफाफे में दिए जाने को खारिज कर दिया था.

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भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज गौतम अडानी पर हो रही मीडिया रिपोर्टिंग पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों, शेयर बाजार पर असर और हिंडनबर्ग रिपोर्ट के संबंध में मीडिया के लिखने को लेकर कोर्ट कोई भी आदेश पारित नहीं करेगा.

बता दें कि 22 जनवरी को अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से समूह की सभी कंपनियों के शेयर बाजार में तेजी से गिरे. इससे अडानी समूह को अब तक तकरीबन 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है और समूह की मार्केट कैप में दो-तिहाई से ज़्यादा की कमी आ चुकी है.

याचिका दायर करने वाले चार याचिकाकर्ताओं में से एक भाजपा नेता और वकील एमएल शर्मा ने कंपनियों से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स को रोकने के लिए एक गैग ऑर्डर यानी चुप रहने का आदेश दिए जाने की मांग की थी. साथ ही याचिकाकर्ताओं की मांग थी कि जब तक इस तरह की रिपोर्ट पहले सेबी द्वारा दायर और सत्यापित नहीं की जाती है, तब तक मीडिया इस पर न लिख सके.

आज सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और उससे बाजार पर पड़ने वाले असर की जानकारी केंद्र सरकार द्वारा सीलबंद लिफाफे में दिए जाने को खारिज कर दिया था. साथ ही न्यायालय ने कहा था कि समिति के गठन में हम पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं. जिस क्षण हम सीलबंद लिफाफे में आपके सुझावों को स्वीकार करते हैं, इसका मतलब होगा कि दूसरे पक्ष ने इसे नहीं देखा है.

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