कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स की ओर से दिए गए इस विज्ञापन में कहा गया है कि भले ही भारत दुनिया का सबसे बडा लोकतंत्र है लेकिन यहां मीडिया सुरक्षित नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं. वे इस दौरान योग कर रहे हैं, नील डेग्रसे टायसन और एलोन मस्क के साथ चर्चा रहे हैं, जिल बाइडेन को 7.5 कैरेट का हीरा उपहार में दे रहे हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कर रहें हैं. एक तरफ जहां इस दौरे में भारत और पीएम मोदी की छवि को बहुत ही सकारात्मक तरीके से पेश किया जा रहा है तो इसका एक दूसरा पहलू भी है. जहां, भारत के लोकतंत्र की बिगड़ती सेहत को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों की आलोचना हो रही है.
इस सिलसिले में बुधवार को अमेरिका के प्रमुख अंग्रेजी अख़बार वाशिंगटन पोस्ट में एक पूरे पेज का विज्ञापन प्रकाशित हुआ. जिसमें भारत में प्रेस की स्वतंत्रता से जुडे मुद्दों को लेकर कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स और उसके सहयोगियों की सुरक्षा समिति द्वारा उन घटनाओं का जिक्र था, जिनमें मीडिया की आवाज को दबाने का काम किया गया.
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeइस विज्ञापन में भारत में हिरासत में लिए गए छह पत्रकारों की तस्वीरें थीं: जिनमें आसिफ सुल्तान, गौतम नवलखा, सजाद गुल, फहद शाह, रूपेश कुमार सिंह और इरफान मेहराज शामिल हैं.
विज्ञापन में कहा गया, "भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, फिर भी यह मीडिया के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. प्रेस की स्वतंत्रता खतरे में है, पत्रकारों को हिंसा, उत्पीड़न, फर्जी मुकदमों और सोशल मीडिया पर नफरत का सामना करना पड़ रहा है."
विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि "लोकतंत्र को महत्व देने वाले दुनिया भर के नेताओं को भारत में सत्ता में बैठे लोगों से वहां पत्रकारों के खिलाफ खतरों को रोकने का आग्रह करना चाहिए."
इसके अलावा, न्यूयॉर्क शहर में भी अलग तरीके से विरोध देखने का मिला. यहां बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगे ट्रकों को घूमते हुए देखा गया, जिनमें भारत में होने वाली घटनाओं जैसे पहलवानों का विरोध प्रदर्शन, उमर खालिद की गिरफ्तारी सहित एवं लोगों के अधिकारों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई गई.
इससे पहले, सप्ताह की शुरुआत में, सीनेटरों और प्रतिनिधि सभा के सदस्यों सहित 75 डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखकर भारत में प्रेस की स्वतंत्रता, इंटरनेट और धार्मिक असहिष्णुता जैसी चिंताओं के बारे में पीएम मोदी से चर्चा करने का आग्रह किया था.
न्यूज़लॉन्ड्री ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता के मुद्दों पर विस्तार से रिपोर्ट की है. आप उन्हें यहां पढ़ सकते हैं. वहीं, अगर ये मुद्दे आपको चिंतित भी करते हैं, तो हमारे प्रेस फ्रीडम फंड में योगदान दें और हमें ऐसी और कहानियां बताने में मदद करें.
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