लुटियंस में सांसदों के लिए आरक्षित फ्लैट में रहता है यौन उत्पीड़न का आरोपी हिंदुत्ववादी 'ठग'

एक अज्ञात हिंदुत्व संगठन के प्रमुख को इस सप्ताह गिरफ्तार किया गया था. वह सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए बने फ्लैट में रह रहा था.

WrittenBy:प्रत्युष दीप
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एक हिंदुत्व संगठन के रूप में महाराणा प्रताप सेना वैसे तो लगभग अज्ञात है, लेकिन इसके प्रमुख राज्यवर्धन सिंह परमार सुर्खियों में बने रहना जानते हैं, फिर चाहे वह मुगल स्मारकों की हिंदू जड़ों के बारे में उनका दावा हो या पहलवानों के विरोध पर भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह का समर्थन. लेकिन इस हफ्ते जिस वजह से वह सुर्खियों में रहे वह और भी अजीब है.

परमार इस सप्ताह गिरफ्तार कर लिए गए. उन पर तीन दिन पहले एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि परमार ने एक फिल्म प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक आयोजित करने के बहाने उसे उत्तर प्रदेश भवन बुलाकर उसका शोषण किया. उत्तर प्रदेश भवन दिल्ली स्थित एक प्रमुख सरकारी गेस्ट हाउस है. 

आमतौर पर नौकरशाहों और मंत्रियों के लिए आरक्षित रहने वाला कमरा परमार ने कैसे बुक करा लिया, इस पर अब यूपी में आधिकारिक जांच चल रही है. वहीं मामले में तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और फोरेंसिक जांच के लिए कमरा नंबर 122 को सील कर दिया गया है.

हालांकि, एक और चौंकाने वाला तथ्य जांच के दायरे में नहीं है, और वह यह है कि परमार अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ दो साल से लुटियंस दिल्ली के विट्ठलभाई पटेल हाउस में रह रहे हैं. आम तौर पर केवल सांसदों और पूर्व सांसदों को ही वीपी हाउस में फ्लैट आवंटित किए जाते हैं, और इसके लिए लोकसभा सचिवालय की मंजूरी लेनी होती है.

परमार को गिरफ्तार करने में दिल्ली पुलिस को तीन दिन लग गए. यूपी के हरदोई जिले के रहने वाले परमार को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया. इस बीच, महाराणा प्रताप सेना प्रमुख लगातार फेसबुक लाइव के जरिए अपना पक्ष रखते रहे. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री को पहले बताया था कि उन्हें मंगलवार रात तक दिल्ली पुलिस की ओर से कोई नोटिस नहीं मिला था, और उन्होंने जो कुछ भी सुना वह केवल मीडिया के माध्यम से सुना था. 

धमकी मिलने का फर्जी दावा

परमार अक्सर समाचार चैनलों पर सांप्रदायिक टिप्पणियां देते हुए दिखाई देते हैं. सांप्रदयिक रूप से संवेदनशील मुद्दों पर वह अपने इस संदिग्ध संगठन का पक्ष रखते हैं, जो उनका दावा है कि उन्होंने 2014 में बनाया और 2019 में पंजीकृत करवाया. 

वह न्यूज़ 24 पर जाकर ताजमहल के बारे में अजीबोगरीब दावे करते हैं, और ईटीवी भारत पर कुतुब मीनार के बारे में. एबीपी न्यूज़ पर धार्मिक शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की वकालत करते हैं, और इंडिया न्यूज़ पर नुपुर शर्मा का समर्थन करते दिखते हैं. रिपब्लिक टीवी पर वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर हुए विवाद पर कांग्रेस की खिंचाई करते दिखाई देते हैं.

एक महीने से अधिक समय तक फेसबुक पर उनके द्वारा पोस्ट किए गए सभी लाइव वीडियो अल्पसंख्यक विरोधी और हिंदुत्ववादी कटेंट से संबंधित थे. इनमें वही पुराने दावे दोहराए गए थे कि अजमेर में चिश्ती की दरगाह असल में एकलिंग मंदिर है, कुतुब मीनार विष्णु स्तंभ है और ताजमहल तेजो महल है. हाल की सोशल मीडिया पोस्ट्स में उन्होंने बृजभूषण सिंह और विवादास्पद फिल्म द केरला स्टोरी का समर्थन किया था.  

कई वीडियोज में उन्होंने दावा किया कि उन्हें किसी "जिहादी" या पाकिस्तान से धमकी भरे कॉल आए थे. उन्होंने इन "धमकियों" को गंभीरता से नहीं लेने के लिए स्थानीय पुलिस की भी आलोचना की. परमार के इन दावों के बारे में न्यूज़लॉन्ड्री ने पुलिस अधिकारियों से बात की. उन्होंने कहा कि शुरुआत में परमार को सुरक्षा दी गई थी, लेकिन विशेष सेल ने खतरे के आकलन (थ्रेट असेसमेंट) के दौरान उनके दावों को झूठा पाया.  

17 मई के एक वीडियो में परमार ने दावा किया कि उन्हें बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी से धमकी मिली है. "अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है, तो एसएचओ अत्तर सिंह जिम्मेदार होंगे," उन्होंने कहा, और शिकायत की कि उनकी सुरक्षा के लिए नियुक्त निजी सुरक्षा अधिकारी मुसलमान था. “दिलचस्प बात यह है कि स्थानीय एसएचओ ने मेरे पीएसओ के रूप में ड्यूटी पर एक मुस्लिम, सद्दाम हुसैन को नियुक्त किया था. मेरा नारा है मज़ार-मुक्त भारत, लव जिहाद मुक्त भारत और नशा मुक्त भारत, और यह सज्जन (एसएचओ) मेरे पीएसओ के रूप में एक जिहादी की नियुक्ति कर रहे हैं.”

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हिंदुत्ववादी नेता के भेष में ठग?

परमार की गिरफ्तारी से एक दिन पहले हम दिल्ली के रफ़ी मार्ग पर स्थित भारतीय रिज़र्व बैंक के ठीक पीछे विट्ठलभाई पटेल हाउस पहुंचे. बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड ने कहा कि मकान नंबर 219 परमार का आवास है, जबकि आवास पर मौजूद मेड ने कहा कि परमार परिवार किसी शादी में शामिल होने के लिए दो दिनों से शहर से बाहर गया है.

न्यूज़लॉन्ड्री ने जो दस्तावेज देखे उनके अनुसार, फ्लैट नंबर 219 मूल रूप से 2020 से अपना दल के सांसद पकौड़ी लाल कौल को आवंटित किया गया है. कौल ने 26 सितंबर, 2020 को लोकसभा आवास समिति के अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर, महाराष्ट्र से भाजपा के पूर्व सांसद नाना पाटिल के लिए अतिथि आवास की मांग की थी. पत्र में पाटिल की पत्नी और मां के लिए एक अस्थायी निवास की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें मेडिकल उपचार के लिए दिल्ली में आवास की आवश्यकता है.

11 मार्च, 2021 के एक अन्य पत्र में लोकसभा सचिवालय ने कौल को सूचित किया कि फ्लैट नंबर 219 में उनके अतिथि निवास को "लाइसेंस शुल्क के बाजार मूल्य के भुगतान" पर जून 2021 तक बढ़ा दिया गया है.

8 फरवरी 2021 को परमार की पत्नी सुचेता राज ने फ्लैट नंबर 219 के पते पर इंद्रप्रस्थ गैस एजेंसी से एक कनेक्शन लिया था. 20 दिन बाद वह पता देकर उन्होंने एक कार भी खरीदी. 

न्यूज़लॉन्ड्री ने नाना पाटिल से संपर्क किया, उन्होंने कहा कि उन्हें वीपी हाउस में आवंटित किसी भी फ्लैट के बारे में जानकारी नहीं है. न्यूज़लॉन्ड्री ने कौल से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन अभी तक उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

न्यूज़लॉन्ड्री को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संपदा विभाग से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

परमार के सोशल मीडिया अकाउंट से सत्ता से उनकी निकटता का पता चलता है. वह अक्सर केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, कौशल किशोर और हरदीप सिंह पुरी, और यूपी के मंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और जगदंबिका पाल जैसे राजनेताओं के साथ तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं.

एक सोशल मीडिया पोस्ट में परमार ने दावा किया कि वह कौशल किशोर के नेतृत्व वाले 'नशा मुक्त समाज आंदोलन-अभियान कौशल का' के दिल्ली प्रभारी हैं, लेकिन आयोजकों ने कहा कि उनके अभियान का दिल्ली में कोई प्रभारी नहीं है. "करोड़ों लोग इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं. हम नहीं जानते कि यह परमार कौन है," संगठन के एक सदस्य ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया.

परमार के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. वह 2011 से एक मामले में जमानत पर बाहर है जिसमें उनपर आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा छल), 420 (छल करना और संपत्ति परिदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करना) और 406 आईपीसी (आपराधिक न्यासभंग) के तहत आरोप हैं.

न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा देखे गए दस्तावेजों के अनुसार, उनकी पत्नी सुचेता भी एक मामले में आरोपी हैं जिसकी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा 2019 से जांच कर रही है. यह मामला "धोखाधड़ी, राष्ट्रीय प्रतीक का दुरुपयोग और धन की हेराफेरी" से संबंधित है. यह मामला कमला मिल्क जैविक खाद लिमिटेड नामक कंपनी के खिलाफ दर्ज किया गया था, जहां सुचेता निदेशक थीं. यह कंपनी 2014 में कानपुर में पंजीकृत हुई थी, और इसके वर्तमान निदेशकों में स्वयं परमार शामिल हैं.

न्यूज़लॉन्ड्री ने पाया कि कंपनी के कर्मचारियों ने 2019 में परमार के खिलाफ धोखाधड़ी, महिलाओं का शील भंग करने और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज कराया था. हालांकि, कर्मचारियों ने बाद में एक हलफनामे के माध्यम से मामला वापस ले लिया और कहा कि परमार ने कर्मचारियों को डिमांड ड्राफ्ट द्वारा बकाया भुगतान करने का वादा किया है और इसलिए मामले को आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है.   

जो लोग परमार को लंबे समय से जानते हैं उनका दावा है कि उन्होंने पिछले कुछ सालों में नौकरी या व्यवसाय के बहाने कई लोगों को ठगा है. "उन्होंने इतने सारे लोगों को धोखा दिया है. यहां तक ​​कि उन्होंने मेरे 60 लाख रुपए भी नहीं लौटाए," कमला मिल्क जैविक खाद लिमिटेड के एक अन्य निदेशक अमित कुमार ने कहा. 

कुमार ने दावा किया कि परमार दिसंबर 2019 और मार्च 2020 के बीच आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर एक मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में भी रह चुके हैं.

न्यूज़लॉन्ड्री ने दिल्ली पुलिस से परमार के खिलाफ चल रही जांच के बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस मामले पर टिप्पणी करने से मना कर दिया.

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