हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी समूह की मीडिया विस्तार योजना को लगा झटका

योजना के मुताबिक अडानी ग्रुप एनडीटीवी प्रॉफिट को फिर से शुरू करने की राह पर है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी ग्रुप की मीडिया उपक्रम को झटका लगा है.

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अमेरिका की शार्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी.

रिपोर्ट के आते ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गिरने शुरू हो गए. ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को 55.5 प्रतिशत का नुकसान झेलना पड़ा. वहीं ग्रुप की शेयर बाजार में लिस्टेड सभी कंपनियों को कुल 10 लाख करोड़ का नुकसान हुआ. इसी के साथ ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी विश्व में सबसे धनी लोगों की लिस्ट में तीसरे नंबर से 21वें नंबर पर आ गए. 

हाल ही में अडानी ग्रुप द्वारा खरीदे गए एनडीटीवी के शेयरों में भी गिरावट जारी है. 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद एनडीटीवी के शेयरों में 25.35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. एक तरफ एनडीटीवी के शेयर गिर रहे हैं, दूसरी तरफ शीर्ष कर्मचारियों में नौकरी छोड़ने की होड़ लगी हुई है.

23 दिसंबर, 2022 को रॉय दंपत्ति ने एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी का 27 फीसद हिस्सा अडानी ग्रुप को बेचने का फैसला किया. इस फैसले के साथ ही अडानी ग्रुप एनडीटीवी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया. इस घटनाक्रम के बाद एनडीटीवी के तीन शीर्ष अधिकारियों- पूर्व सीईओ और ग्रुप प्रेसिडेंट सुपर्णा सिंह, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) कवलजीत सिंह बेदी और मुख्य रणनीति अधिकारी (सीएसओ) अरिजीत चटर्जी- ने इस्तीफा दे दिया.

इस्तीफे का यह सिलसिला आगे भी जारी रहा. करीब 30 साल तक कंपनी से जुड़े रहे श्रीनिवासन जैन और निधि राजदान ने भी इस्तीफा दे दिया. न्यूज़लॉन्ड्री को मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में एनडीटीवी से और भी इस्तीफे हो सकते हैं. 

जैसा की चार जनवरी को एनडीटीवी कर्मचारियों से बात करते हुए एएमजी मीडिया नेटवर्क के सीईओ संजय पुगलिया ने कहा था कि आने वाले दिनों में फिर से एनडीटीवी प्रॉफिट चैनल शुरू हो सकता है. नए चैनल की शुरुआत को लेकर तैयारियां चल रही हैं. एनडीटीवी के कई कर्मचारियों ने बताया कि चैनल शुरू करने को लेकर काम चल रहा है. मुंबई में इसका ऑफिस भी बन रहा है. नए लोगों की भर्ती भी हो रही है. 

अडानी ग्रुप की दूसरी मीडिया कंपनी बीक्यू प्राइम में काम करने वाली एक महिला पत्रकार ने बताया, “एनडीटीवी प्रॉफिट चैनल के लिए बीक्यू प्राइम में भर्ती हो रही हैं. एनडीटीवी के टेकओवर के बाद वहां अभी स्थिरता नहीं हैं. इसलिए बीक्यू प्राइम में भर्ती हो रही है.” बता दें कि एनडीटीवी प्रॉफिट के नाम का लाइसेंस अभी भी एनडीटीवी ग्रुप के पास है. 

मीडिया बिजनेस का भविष्य

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप की मीडिया कंपनी एनडीटीवी प्रॉफिट और बीक्यू प्राइम का भविष्य क्या हो सकता है? इसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया समीक्षक वनिता कोहली खांडेकर कहती हैं, “अडानी ग्रुप की अन्य कंपनियों की तुलना में उनका मीडिया व्यवसाय बहुत छोटा है. इसलिए लगता नहीं के वो ज्यादा चिंतित होंगे.” 

वह आगे कहती हैं, “मीडिया बिजनेस अडानी ग्रुप के कुल आकार का एक छोटा सा अंश है. अडानी समूह की कुल संपत्ति 19 लाख करोड़ है (हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले), वहीं एनडीटीवी का राजस्व लगभग 422 करोड़ रुपए है.”

अडानी के व्यापार पर नजर रखने वाले मॉर्निंग कॉन्टेक्स्ट के मैनेजिंग एडिटर टी सुरेंद्र कहते हैं, “मीडिया का बिजनेस बहुत महंगा नहीं है, लेकिन यह मालिकों पर निर्भर करता है कि वह कितना पैसा कब लगाएं. अभी 6-8 महीने मीडिया बिजनेस में अनिश्चितता रहेगी.” 

क्या हिंडनबर्ग रिपोर्ट से अडानी ग्रुप को हुए नुकसान के बाद वह अपने मीडिया बिजनेस के विस्तार को रोक देगा? इस पर सुरेंद्र कहते हैं, “मीडिया बिजनेस घाटे वाला बिजनेस लगता है लेकिन एक-दो चुनाव में बहुत सारा प्रॉफिट हो जाएगा. शायद इसलिए ही अडानी ने चुनाव से पहले मीडिया बिजनेस को खरीदा है. जहां तक विस्तार की बात है तो हालिया गिरावट के बाद अडानी के ऊपर काफी दबाव होगा. इसलिए मुझे नहीं लगता है वह तुरंत मीडिया बिजनेस पर ध्यान देंगे.” 

भारत में टीवी मीडिया इंडस्ट्री को लेकर सुरेंद्र कहते हैं, “न्यूज मीडिया बिजनेस भारत में बहुत छोटा है. क्योंकि अभी जो राष्ट्रीय चैनल हैं, वह बहुत कम हैं. अडानी ग्रुप के पास अपना व्यू पाइंट रखने के लिए कोई चैनल नहीं था. तो इसलिए उन्होंने एनडीटीवी में इन्वेस्ट किया है. दूसरा, जो भी बिजनेस घराने जिनका राजनीतिक जुड़ाव रहा है, उनका मीडिया में निवेश पहले से रहा है. चाहे वह बिड़ला हो या अंबानी.”

वनिता बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में टीवी मीडिया को लेकर लिखती हैं कि भारत में टीवी मीडिया का बिजनेस बहुत छोटा है. वह एक आंकड़ा देते हुए समझाती हैं कि हमारे देश में टीवी न्यूज़ और इंटरटेंनमेंट का कुल बिजनेस 1,61,400 करोड़ है. उसमें से टीवी ब्रॉडकास्टिंग 72,000 करोड़ है लेकिन टीवी न्यूज़ का बिजनेस मात्र 4,000 करोड़ का है. 

कॉरपोरेशन द्वारा मीडिया चलाए जाने को लेकर वह लिखती हैं कि भारत में पहले से ही ऐसे मीडिया संस्थान हैं जिनका दूसरा बिजनेस भी रहा है. जैसे कि मलयालम मनोरमा, इंडियन एक्सप्रेस और टाइम्स ऑफ इंडिया. इसमें कुछ नया नहीं है.

एनडीटीवी में कार्य संस्कृति बदली!

एनडीटीवी के दोनों चैनलों ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को कवर किया है. लेकिन एनडीटीवी की वेबसाइट्स ने रिपोर्ट आने के तीन दिन बाद खबर प्रकाशित की. चैनल ने भी प्राइम टाइम पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट दिखाने के बजाय अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को प्रमुखता दी. हालांकि अडानी के बिजनेस मीडिया संस्थान बीक्यू प्राइम ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर खबरों को प्रकाशित किया.

सवाल है कि क्या हिंडनबर्ग मसले पर एनडीटीवी और बीक्यू प्राइम ने डैमेज कंट्रोल या पीआर किया? इस पर वनिता कहती हैं, “ऐसा नहीं है. इतने बड़े संकट को हैंडल नहीं किया जा सकता. चाहे आप मीडिया कंपनी के मालिक हों या न हों.”

टी सुरेंद्र भी कहते हैं, “अभी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. बीक्यू प्राइम ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अडानी का पक्ष प्रकाशित किया था. दूसरा एनडीटीवी तो अडानी ग्रुप का ही है, तो वह उनका पक्ष तो दिखाएगा ही.”

हिंडनबर्ग मामले की कवरेज को लेकर एनडीटीवी इंडिया वेबसाइट से जुड़े एक कर्मचारी कहते हैं, “हमें कहा गया है कि हम अंग्रेजी वेबसाइट को देखकर ही अडानी से जुड़ी खबरों को लिखें. साथ ही अडानी ग्रुप की आलोचना से जुड़ी खबर से दूरी बनाने को कहा गया है.”

एनडीटीवी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आने के बाद तीन खबरें अपने यहां प्रकाशित कीं. ये तीनों खबरें बीक्यू प्राइम वेबसाइट से उठाकर छापी गई हैं. इसमें से दो खबरें हिंडनबर्ग रिपोर्ट व अडानी से जुड़ी हुई हैं. 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में मंगलवार को दिए गए भाषण में गौतम अडानी और पीएम मोदी के संबंधों को लेकर सरकार पर निशाना साधा. पहले बात वेबसाइट की करते हैं. एनडीटीवी की अंग्रेजी वेबसाइट ने राहुल गांधी के भाषण की खबर को वेबसाइट पर टॉप लीड पर कुछ समय के लिए रखा, लेकिन हिंदी की वेबसाइट पर इस खबर को टॉप पर जगह नहीं दी गई.

दूसरी बात इस पूरे खबर में राहुल गांधी के भाषण का अंश दो पैराग्राफ में समेट दिया गया. इसके पूरी खबर में भाजपा की प्रतिक्रिया और अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर जो जवाब दिया है उसे लिखा गया है. ऐसे ही इस पूरी खबर को हिंदी में भी छापा गया है. पैटर्न वही है दो पैराग्राफ राहुल का बयान और नीचे भाजपा और अडानी का बयान. 

वेबसाइट की तरह ही टीवी पर एनडीटीवी और एनडीटीवी इंडिया ने अपने प्राइम टाइम में राहुल गांधी द्वारा गौतम अडानी और पीएम मोदी पर लगाए आरोपों से किनारा किया. एंकर अंकित त्यागी ने अपने शो ब्रेकिंग न्यूज़ में महाराष्ट्र कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह पर पूरा एक शो किया, लेकिन राहुल के बयान पर कोई बातचीत नहीं हुई.

चैनल पर आने वाला दूसरा प्राइम टाइम शो ‘लेफ्ट राइट सेंटर’, में विष्णु सोम ने भी तुर्की और सीरिया में आए भूकंप पर ही मुख्य रूप से बात की. राहुल गांधी द्वारा संसद में मुंबई एयरपोर्ट को जीवीके ग्रुप से लेकर अडानी ग्रुप को दिए जाने के आरोप पर, चैनल ने तत्परता से जीवीके ग्रुप के प्रेसिडेंट संजय रेड्डी से बात कर इस आरोप का खंडन किया. 

अंग्रेजी टीवी चैनल की तरह ही एनडीटीवी इंडिया ने भी राहुल गांधी के आरोपों को तवज्जो नहीं दी. चैनल के प्राइम टाइम शो खबरों की खबर में 17 मिनट तक राहुल गांधी के भाषण और उस पर बीजेपी का पलटवार, और जीवीके ग्रुप द्वारा राहुल के आरोपों के खंडन को दिखाया. इस शो के अलावा दूसरे किसी अन्य शो में संसद की गहमागहमी का जिक्र नहीं किया गया.

राहुल गांधी के मंगलवार को दिए भाषण की यूट्यूब पर हेडलाइन है - “संसद में पीएम और गौतम अडानी पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी और सरकार के बीच बहस”. इस खबर में चैनल ने राहुल गांधी द्वारा अडानी पर लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिखाया. जबकि इसी चैनल ने साल 2022 के बजट भाषण को इस हेडलाइन के साथ दिखाया था-  “लोकसभा में केंद्र पर जमकर बरसे राहुल गांधी, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोल रहे थे कांग्रेस नेता”.

राहुल गांधी के भाषण का यह वीडियो 25 मिनट का है जो आज भी एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर है. लेकिन मंगलवार को राहुल गांधी द्वारा दिए गए भाषण का वीडियो दिखाया ही नहीं गया. हालांकि दोनों चैनलों ने राहुल गांधी के भाषण का लाइव जरूर दिखाया था. 

अडानी ग्रुप के बिजनेस पर लंबे समय से लिख रहे एक पत्रकार नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहते हैं, “एनडीटीवी का कवरेज आप देख सकते हैं, कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के तीन दिनों बाद तक कवर ही नहीं किया गया. तो इससे आप समझ सकते हैं कि एनडीटीवी का कवरेज आने वाले दिनों में क्या होगा.”

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