हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
एनएल चर्चा के इस अंक में गुजरात, हिमाचल प्रदेश और एमसीडी चुनावों के परिणाम, महाराष्ट्र- कर्नाटक में सीमा विवाद, आरबीआई के फिर से रेपो रेट बढ़ाने, सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी से जुड़ी जानकारी पेश करने की मांग, पांच साल में रद्द किए गए 6677 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस, टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले की गिरफ्तारी, केरल में बंद हुआ अडानी बंदरगाह के खिलाफ जारी आंदोलन और वर्ल्ड बैंक ने भारत में हीट वेव को लेकर जारी किया रिपोर्ट समेत कई अन्य विषयों का जिक्र हुआ.
चर्चा में इस हफ्ते वरिष्ठ पत्रकार सतीश के सिंह, न्यूज़लॉन्ड्री के रिपोर्टर बसंत कुमार और न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन शामिल हुए. संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल ने दोनों राज्यों के चुनाव परिणामों से चर्चा की शुरुआत की. वह पूछते हैं कि आप गुजरात चुनावों के परिणामों को कैसे देखते है. 27 साल बाद भी एक ही पार्टी की सरकार जारी है, कोई बदलाव की बात नहीं, इतना संतुष्टदायक कोई शासन दूसरे राज्य में आपको इससे पहले नजर आया हो?
जवाब देते हुए सतीश कहते हैं, “मुझे यह अंदाजा था कि गुजरात में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. एग्जिट पोल से पहले ही. मैं कई सालों से भाजपा के कामकाज को देखते आया हूं, वह किस तरह प्रोपेगैंडा पब्लिसिटी कर के लोगों को मौबेलाइज करते है. यह मुझे तब समझ आ गया जब गुजरात चुनावों को हिमाचल से अलग कर दिया गया. पिछले तीन-चार महीने से देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री डेरा डाला हुआ है. एक पार्टी चुनाव में खड़ी तो हुई लेकिन लड़ी ही नहीं और एक पार्टी ऐसी है कि वह पिछले छह महीने से गुजरात में चुनाव लड़ रही है. तो जो शतरंज के बिसात भाजपा के पक्ष में थी.”
वह आगे कहते हैं, “भाजपा का पूरा अमला गुजरात पहुंच गया और इतने सालों में वहां एंटी मुस्लिम एक फीलिंग बनाई गई. एक पार्टी (कांग्रेस) है जो खड़ी तो है, लेकिन वह लड़ ही नहीं रही है. तो जो लोग कांग्रेस को टिकट देना भी चाहते थे लेकिन उन्होंने अपना वोट व्यर्थ करने की बजाय भाजपा को वोट दिया. इस बार चुनावों में भाजपा का 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने का एक लक्ष्य था.”
बसंत कहते हैं, “भाजपा बहुमत से चुनाव जीत रही है ऐसा लग रहा था लेकिन हैरानी आम आदमी पार्टी के सूरत में प्रदर्शन से हुई. सूरत में पार्टी में करीब पांच ऐसी सीट थे जहां लगा रहा था कि वह जीत रहे है लेकिन पार्टी चुनाव हार गई. आप के शीर्ष नेता इस चुनावों में हार गई. सूरत ईस्ट विधानसभा क्षेत्र में लग रहा था की कांग्रेस जीत जाएगी लेकिन वह जीत नहीं पाए.”
शार्दूल कहते हैं, “गुजरात नतीजों में बहुत सारी चीजें अभूतपूर्व हैं. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का चुनावी राज्य से नहीं गुजरने का परिणाम दो राज्यों के आए चुनाव परिणामों में दिख रहा है. जनता चाहती है कि पार्टी चुनाव लड़ते हुए दिखे और आम आदमी पार्टी ने यह दिखाया. आम आदमी पार्टी को अब यह नहीं मान सकते कि वह वोट कटवा पार्टी है क्योंकि उसे करीब 13 प्रतिशत वोट हासिल हुए जो एक नई पार्टी के लिए बहुत है.”
इस विषय के विभिन्न पहलुओं के अलावा सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी को लेकर चल रहे सुनवाई पर भी विस्तृत बात हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.
टाइम कोड
00:00:00 - 00:12:50 - इंट्रो, हेडलाइंस और जरूरी सूचना
00:12:40 - 00:48:22 - गुजरात-हिमाचल प्रदेश और एमसीडी चुनाव परिणाम
00:48:22 - 01:06:14 - नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
1:22:55 - सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
शार्दूल कात्यायन
गॉड ऑफ वार रैग्नारॉक - वीडियो गेम
चुनाव परिणाम पर रिपोर्ट्स को पढ़ें
बंसत कुमार
अतुल चौरसिया
हैरी और मेगन नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री
न्यूज़लॉन्ड्री पर गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों को लेकर की गई रिपोर्ट्स
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प्रोड्यूसर- चंचल गुप्ता
एडिटिंग - हसन बिलाल
ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह
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