यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों से गहरे संबंध

पत्रकार सिद्दिकी कप्पन को अक्टूबर 2020 में हाथरस मामले की रिपोर्टिंग के लिए जाते समय तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था.

यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया- पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के पीएफआई जैसे आतंकी संगठनों से गहरे संबंध
Shambhavi Thakur/Kartik Kakar
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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस केस मामले में पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर सुनवाई की. जिसका उत्तर प्रदेश सरकार ने विरोध किया.

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट के हलफनामे के जवाब में कहा कि उनके पास कप्पन के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से गहरे संबंध होने के सबूत हैं. सरकार ने कहा कि कप्पन देश में आतंक फैलाने की साजिश में शामिल है. उन्हेंने कप्पन पर सीएए-एनआरसी, बाबरी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले व हाथरस की घटना को लेकर लोगो में धार्मिक माहौल खराब करने का आरोप लगाया है. यूपी सरकार ने कप्पन पर एसएफआई के रऊफ शरीफ के साथ मिले होने का आरोप भी लगाया है.

कप्पन के वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलील में कहा था कि कप्पन पर सिर्फ 45 हजार रुपए बैंक में जमा कराने का आरोप है. वह अक्टूबर 2020 से जेल में है. वह पत्रकार है और हाथरस की घटना की कवेरज के लिए जा रहा था. 5000 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त को पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस जारी किया था. जिस पर 5 सितंबर तक जवाब मांगा गया था. सुप्रीम कोर्ट 9 सितंबर तक जमानत याचिका का निपटारा करेगी. मामले की सुनवाई सीजेआई यूयू ललित और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट की बेंच कर रही है.

केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को अक्टूबर 2020 को तीन साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. वह हाथरस में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म और हत्या की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे थे. कप्पन पर आरोप है कि वह कानून-व्यवस्था खराब करने के लिए हाथरस जा रहे थे. कप्पन के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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