निर्भया के बलात्कारियों के वकील एपी सिंह ने कहा था, “अगर मुझे पता चले कि मेरी बेटी किसी लड़के के साथ रात को घूम रही थी, तो मैं उसपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दूंगा.” और जब उनसे यह सवाल किया गया कि आप को पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने का यह हक किसने दिया, तो उनका जवाब था, “मेरी बेटी, मेरी बहन, मेरी पत्नी. मैं जो चाहे कर सकता हूं, यह मेरा निजी मामला है.”
आज जब हम एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों को देखते हैं, तो महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में सर्वाधिक 31.8% अपराध ऐसे हैं, जहां महिला के साथ हिंसा करने वाला उसके परिवार का ही कोई व्यक्ति है.
वहीं एक सर्वे के अनुसार 45% महिलाएं भी मानती हैं, कि कुछ परिस्थितियों में पति द्वारा पत्नी के साथ की गई हिंसा जायज है.
सारांश के इस अंक में हम जानेंगे कि एनसीआरबी के ताजा आंकड़े, महिलाओं के प्रति अपराधों की क्या स्थिति बयान कर रहे हैं? हमारा देश, महिलाओं की सुरक्षा के मेयार पर कहां खड़ा है? और महिलाओं के प्रति हिंसा की वजहें क्या हैं?