भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने पत्रकार नविका कुमार के शो में ही पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने टाइम्स नाउ की पत्रकार नविका कुमार को उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में अंतरिम राहत दी है. नविका के खिलाफ यह शिकायत भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित बयान के सिलसिले में हुई थी. दरअसल इस कार्यक्रम की एंकर नविका ही थीं.
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने उनके खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने वाली याचिका पर केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी किया. जिसकी सुनवाई दो हफ्तों बाद होगी. नुपुर के विवादित बयान के कारण देशभर में लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची थी. कई जगहों पर बयान के विरोध में प्रदर्शन भी हुए थे. इस घटना पर खाड़ी देशों ने तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी, जिसके बाद भाजपा ने नुपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक नविका कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने बचाव में कहा कि पूरे मामले में एंकर ने कुछ नहीं कहा है. कार्यक्रम में चल रही बहस ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में थी और बहस में शामिल सभी प्रवक्ता अपना-अपना पक्ष रख रहे थे. उन्होंने बंगाल सरकार पर भी मामले में अत्यधिक रूचि दिखने पर सवाल किए.
बता दें कि नविका पर सबसे पहले एफआईआर कोलकाता में ही दर्ज हुई थी. वकील द्वारा नविका के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी. जिसपर कोर्ट ने अन्य पक्षों को भी पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा, जिसके लिए कोर्ट ने समय भी दिया है.
नाविका के वकील की ओर से उनपर दर्ज सभी एफआईआर को क्लब कर एक राज्य में ट्रांसफर करने की मांग की गई. बता दें कि नाविका पर महाराष्ट्र, दिल्ली, जम्मू -कश्मीर और बंगाल में एफआईआर दर्ज हैं.
1 जुलाई को शर्मा की याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी. पीठ ने कहा थी कि नुपुर शर्मा पूरे भारत को आग की लपटों में डालने लिए अकेले जिम्मेदार थीं और उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
उस सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने टाइम्स नाउ के खिलाफ भी कड़ी टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था की टीवी पर बहस किसलिए थी? सिर्फ एजेंडा चलाने के लिए.
इसके बाद नुपुर शर्मा ने अपनी याचिका वापस ले ली थी. उन्होंने फिर से अदालत का रुख किया, जिसपर कोर्ट ने 19 जुलाई को नोटिस जारी किया और गिरफ्तारी से उन्हें अंतरिम सुरक्षा प्रदान की गई थी.