एएसआई संरक्षित तुगलकाबाद किले की जमीन को गांव के ही कुछ लोग नेताओं के संरक्षण में बेचते हैं. इसमें पुलिस और एएसआई के अधिकारियों की घूस का हिस्सा तय है. भवन निर्माण सामग्री, बिजली और पानी सप्लाई का काम नेताजी के लोग करते हैं.
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली का महरौली-बदरपुर रोड ऐतिहासिक है. इसके एक सिरे पर सबसे पुरानी दिल्ली यानी महरौली की ऐतिहासिक संरचनाएं मौजूद हैं तो दूसरे सिरे पर अपनी भव्यता और विशालता के साथ तुगलकाबाद का किला है. सात शहरों वाले दिल्ली शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा तुगलकाबाद का किला, जिसे 1321 में तुगलक वंश के संस्थापक गयासुद्दीन तुगलक द्वारा बनवाया गया था.
कुछ दिन पहले भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) के अधिकारियों ने किले को बचाने और आने वाले दिनों में इसकी चमक-दमक बढ़ाने का दावा किया था.
जुलाई महीने में एएसआई के अधिकारी, केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को यहां चल रहे सौंदर्यीकरण के कामों को दिखाने के लिए लेकर आए थे. उस कार्यक्रम में स्थानीय भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी भी मौजूद थे. हालांकि इस दौरान मंत्री जी को किले के उस हिस्से की सैर नहीं करवाई गई जहां ऐतिहासिक किले की दीवार से सटकर लोगों के अवैध घर बने हुए हैं.
भू-माफियाओं, नेताओं, पुलिस विभाग और एएसआई के भ्रष्ट अधिकारियों के गठजोड़ ने बीते 30 सालों में ऐतिहासिक किले की संरक्षित भूमि के 50 प्रतिशत हिस्से को बेच दिया. आज उस जमीन पर अवैध रिहायशी कॉलोनी बस चुकी है. यह जानकारी न्यूज़लॉन्ड्री ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत हासिल की है.
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