दक्षिण भारत के प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने 15 अगस्त से अपने संपादकीय को हिंदी में भी प्रकाशित करना शुरू किया है.
15 अगस्त को द हिंदू के संपादक सुरेश नंबथ के एक ट्वीट ने हिंदी पाठकों की उत्सुकता बढ़ा दी. द हिंदू के संपादक ने ट्वीट कर बताया कि अब से द हिंदू के संपादकीय हिंदी में भी उपलब्ध होंगे. सुरेश नंबथ ने ट्विटर पर लिखा, “The hindu in hindi; from today, our editorial will be available in Hindi”
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
Contributeइस ट्वीट में उन्होंने द हिंदू के संपादकीय के हिंदी अनुवाद का लिंक भी साझा किया. लिंक पर क्लिक करके 15 अगस्त से प्रकाशित सभी संपादकीय को हिंदी में पढ़ा जा सकता है. इस ट्वीट के बाद से द हिंदू के हिंदी में प्रकाशित होने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.
सोशल मीडिया पर हिंदी के पत्रकारों और पाठकों द्वारा द हिंदू की इस पहल की काफी सराहना भी की जा रही है.
द हिंदू करीब 144 साल पुराना अखबार है. दक्षिण भारत में इस अखबार का पाठकों पर लगभग एकाधिकार है. गहरे लेख और बौद्धिक विमर्श को दिशा देने वाली इसकी छवि है. यह अखबार देश के 17 शहरों से प्रकाशित होता है. इसका मुख्य संस्करण चेन्नई से निकलता है. इसके अलावा यह कोयंबटूर, बैंगलोर, हैदराबाद, मदुरै, नोएडा, विशाखापत्तनम, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, विजयवाड़ा, मैंगलोर, तिरुचिरापल्ली, कोलकाता, हुबली, मोहाली, प्रयागराज और कोझीकोड से भी प्रकाशित होता है.
द हिंदू के अनुसार स्वतंत्र संपादकीय रुख, समाचारों की विश्वसनीय और संतुलित प्रस्तुति से अखबार ने पिछले कुछ वर्षों में भारत सहित विदेशों के भी महत्वपूर्ण लोगों का ध्यान और सम्मान जीता है.
बता दें कि खबरों की गुणवत्ता और राजनितिक द्रष्टिकोण की वजह से द हिंदू अंग्रेजी पाठकों के बीच खासा लोकप्रिय है. सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच यह अखबार खासा लोकप्रिय है. देश भर में द हिंदू की पत्रकारिता और संपादकीय को काफी गंभीरता से लिया जाता है.
द हिंदू के हिंदी संस्करण की अटकलों और हिंदी के संपादकीय को लेकर न्यूज़लांड्री ने द हिंदू के संपादक सुरेश नंबथ से बात की.
वह कहते हैं, “हमारी इच्छा है कि हमारी पहुंच अंग्रेजीभाषी पाठकों के बाहर भी हो. हमने हिंदी और तमिल में अपने संपादकीय के अनुवाद के साथ इसकी शुरुआत की है. आने वाले समय में हम अन्य भाषाओं में भी प्रयास करेंगे.”
क्या संपादकीय के अलावा द हिंदू में प्रकाशित आर्टिकल, पुस्तक समीक्षा और स्पेशल रिपोर्ट्स को भी हिंदी में प्रकाशित किया जाएगा? इस सवाल पर नंबथ कहते हैं, “फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है.”
द हिंदू के 144 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब उसने हिंदी भाषा में किसी सामग्री को प्रकाशित किया है. हालांकि यह शुरुआत अभी सिर्फ डिजिटल फॉर्मेट में हुई है. हिंदी संपादकीय को केवल द हिंदू की वेबसाइट पर ही पढ़ा जा सकता है.
General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.
Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?