पीसीआई चुनाव में क्लीन स्वीप, लखेड़ा-विनय पैनल की जीत

फेक न्यूज़, आरोप-प्रत्यारोप के माहौल में संपन्न हुआ प्रेस क्लब का चुनाव. अध्यक्ष समेत सभी 21 पदों पर लखेड़ा-विनय पैनल ने जीत दर्ज की.

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पीसीआई चुनाव में क्लीन स्वीप, लखेड़ा-विनय पैनल की जीत
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कोषाध्यक्ष के पद पर कांटे की टक्कर को लेकर लखेड़ा कहते हैं, ‘‘कोषाध्यक्ष पद पर चंद्रशेखर लूथरा लड़ रहे थे. वे खेल पत्रकार हैं. जो पराजित (संतोष ठाकुर) हुए हैं, वो हिंदी के पत्रकार हैं. इसमें तीसरा कोई बेहतर उम्मीदवार नहीं था. अगर तीसरा कोई भी उम्मीदवार 200 से 300 वोट ले जाता तो हमारा जीतने का अंतर ज्यादा होता.’’

लूथरा न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहते हैं, ‘‘मैं साल 1997 से क्लब का सदस्य हूं. यहां हर साल चुनाव होते हैं. मैंने आज तक कभी नहीं देखा कि चुनाव के दिन फूल बांटे जा रहे हों. चुनाव में पीआर कंपनी लाई गई हो. इस बार यहां सब कुछ हुआ. लोग भूल गए कि यह पत्रकारों का क्लब है. यह मूल्यों पर खड़ा हुआ क्लब है. यहां प्रॉपर्टी डीलिंग नहीं हो रही है. हमें अपने मूल्यों को बचाना है. मैं एक स्तर तक ही किसी से वोट मांग सकता हूं. गलत तरीके अपनाकर मैं लोगों से वोट नहीं मांग सकता हूं.’’

लूथरा आने वाले समय में, प्रेस क्लब में होने वाले चुनावों को लेकर चिंता जाहिर करते हैं. वे कहते हैं, ‘‘हमारे अध्यक्ष के बारे में फेक न्यूज़ फैलाई गई. जिन लोगों का क्लब पर पैसा उधार था वो क्लियर कराए गए. मेरे पांच दोस्तों का कराया गया, ऐसे कई लोगों का कराया गया. यह क्लब के लिए ठीक नहीं है. हमें इसकी चिंता करनी चाहिए. हम पत्रकार हैं और हमारी पहचान हमारा काम होना चाहिए.’’

जीत के बाद बोलते हुए प्रेस क्लब के पूर्व प्रमुख आनंद सहाय. साथ में हैं स्वाति माथुर, मनोरंजन भारती, उमाकांत लखेड़ा, विनय कुमार और चंद्रशेखर लूथरा

जीत के बाद बोलते हुए प्रेस क्लब के पूर्व प्रमुख आनंद सहाय. साथ में हैं स्वाति माथुर, मनोरंजन भारती, उमाकांत लखेड़ा, विनय कुमार और चंद्रशेखर लूथरा

प्रेस क्लब का चुनाव पारंपरिक तरीके से लड़ा जाता रहा है. लोग एक दूसरे पर सवाल जरूर उठाते थे लेकिन इस बार फेक न्यूज़ फैलाने का मामला सामने आया. अखबारों में विज्ञापन दिए गए. दिल्ली में जगह-जगह होर्डिंग्स लगाए गए. प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष आनंद सहाय ने इसको लेकर चिंता व्यक्त की और इसे क्लब के लिए नुकसानदेह बताया.

दरअसल सेक्रेटरी जनरल के लिए चुनाव लड़ रही पल्लवी घोष ने उमाकांत लखेड़ा को लेकर शाह टाइम्स की एक न्यूज़ साझा की थी जिसमें बताया गया था कि लखेड़ा उत्तराखंड के स्पीकर के मीडिया सलाहकार बन सकते हैं. लखेड़ा ने इस खबर को गलत बताया था. इसके अलावा पत्रकार शिराज साहिल द्वारा लखेड़ा के लिए गए इंटरव्यू को एडिट करके साझा करने का आरोप पल्लवी घोष पर लगा.

इसको लेकर लखेड़ा कहते हैं, ‘‘फेक न्यूज़ फैलाई गई. हमने इसके खिलाफ शिकायत की है. हम इस पर आगे कार्रवाई करेंगे. इस तरह की अनैतिक हरकतों से क्लब की बदनामी होती है. हम ऐसे लोगों की पहचानने की कोशिश करेंगे जो फेक न्यूज़ फैलाते हैं.’’

चुनावी नतीजों की घोषणा से पहले ही पल्लवी घोष ने ट्वीट करके लिखा, "जरूरी नहीं कि जो हारता है वो झूठा है. जरूरी नहीं कि जो बड़ी-बड़ी बातें करता है सोशल मीडिया पर लेकिन अंधेरे में अपने ज़मीर को बेचता है, वो सच है. हम कहीं नहीं जायेंगे. हम यहीं हैं."

क्लब आने वाले दिनों में क्या करने वाला है. इस सवाल के जवाब में लखेड़ा कहते हैं, ‘‘अभी तो मैं कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मीटिंग के बाद मैनेजिंग कमेटी फैसला करेगी. हम चाहेंगे कि जो वादे हमने पिछले साल और इस साल किए हैं, उन्हें पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ें.’’

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