दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमला करने के मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हमले के आरोप में दिल्ली पुलिस ने आठ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. यह जानकारी दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज़लॉन्ड्री को दी. सिविल लाइन थाने में जब हम अधिकारी से बात कर रहे थे तभी भाजपा से जुड़े एक वकील यहां पहुंचे.
दरअसल बुधवार दोपहर अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था. भाजयुमो, भाजपा का युवा संगठन है. यह प्रदर्शन होने वाला था, इसकी सूचना पहले से दिल्ली पुलिस को थी.
बेंगलुरु के सांसद और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंचे थे. यह प्रदर्शन केजरीवाल ने ‘कश्मीरी हिंदुओ’ का अपमान किया है, का आरोप लगाकर किया जा रहा था. हाथों में तख्तियां लिए पहुंचे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने सीएम आवास से करीब 500 मीटर की दूरी पर बेरिकेट्स लगाए थे, उसे तोड़कर ये तमाम लोग मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ करने लगे.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री आवास को रंग दिया. वहां मौजूद सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया गया. हालांकि यह सबकुछ जब हो रहा था तब केजरीवाल अपने आवास पर मौजूद नहीं थे. बावजूद इसके यह सवाल उठता है कि एक मुख्यमंत्री के आवास पर जब भीड़ पहुंचकर तोड़फोड़ कर रही थी तब पुलिस क्या कर रही थी.
दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी से जब हमने इस हंगामे को लेकर सवाल किया तो वे कहते हैं, ‘‘होनी थी घट गई. कोई भी अधिकारी नहीं चाहेगा कि उसके यहां ऐसी घटना हो. हमने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. अभी जांच जारी है. जैसे-जैसे लोगों की पहचान होगी, हम गिरफ्तार करेंगे.’’
सीएम आवास से सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन 500 मीटर की दूरी पर है. पूर्व से प्रदर्शन की सूचना थी. ऐसे में पुलिस की तैयारी पर सवाल खड़े होते हैं. आखिर पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारी कैसे सीएम आवास तक पहुंच गए?
जब सीसीटीवी कैमरे और आसपास के लोगों द्वारा बनाए गए वीडियो में साफ दिख रहा है कि तेजस्वी सूर्या की मौजूदगी में यह तोड़फोड़ हुई तो अब तक उनसे कोई पूछताछ क्यों नहीं हुई? इसको लेकर जब हमने सीनियर अधिकारी से सवाल किया तो वे अपना जवाब दोहरा दिए कि जांच जारी है और हम जल्द ही गिरफ्तारी करेंगे.
आम आदमी पार्टी ने पुलिस और भाजपा के कार्यकर्ताओं की मिलीभगत पर सवाल उठाया है. इस सवाल में दम भी है क्योंकि यह पहला मौका नहीं जब सीएम की सुरक्षा में चूक सामने आई है. बता दें कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर भी बीते दिनों हमला हुआ था. दिल्ली जल बोर्ड के ऑफिस में भी तोड़फोड़ की गई थी. यह सब पुलिस की मौजूदगी में ही हुआ था. ऐसे में दिल्ली पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े होना लाजिमी है.
The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.
ContributeGeneral elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.
Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?