खबरों में बताया जा रहा है कि भारत अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए कैसे प्रयास कर रहा है. जबकि अन्य देश अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए कोई मेहनत नहीं कर रहे हैं.
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से भारत अपने नागरिकों को वहां से निकालने में जुटा हुआ है. यूक्रेन के अलग-अलग शहरों से भारतीय नागरिकों की बदहाल तस्वीरें और वीडियों सामने आ रहे हैं.
मंगलवार सुबह रूसी हमले में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई. इन सब वजहों से जहां सरकार की आलोचना हो रही हैं, वहीं भारतीय मीडिया, भारत सरकार से मिली सूचना के जरिए ही सरकार द्वारा यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाए जाने की तारीफ कर रहा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर में बताया गया है कि कैसे भारत अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए प्रयास कर रहा है. वहीं अन्य देश अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए कोई मेहनत नहीं कर रहे हैं.
खबर के मुताबिक, ‘ऑपरेशन गंगा’ मिशन के तहत भारत सरकार अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए काम कर रही है. एकमात्र ‘ऑपरेशन गंगा’ ही मिशन सबसे ज्यादा प्रमुखता से काम कर रही है जबकि अन्य देश अपने नागरिकों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए उतने सक्रिय नहीं हैं.
खबर में बताया गया हैं कि, चीन ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है लेकिन मदद के लिए कोई काम नहीं कर रहा है. वहीं अमेरिका अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकाल नहीं पा रहा है. यही हाल जर्मनी और ब्रिटेन का भी है.
खबर में अन्य देशों द्वारा क्या किया जा रहा है उसके बारे में भी बताया गया है. खबर के एक कोने में "जीओआई सोर्स" लिखा हुआ है. यानी इस खबर का सोर्स भारत सरकार ही है.
हालांकि द हिंदू की पत्रकार विजेता सिंह ने एक ट्वीट कर बताया कि यह सूचना कल से व्हाट्सप्प पर फैलाई जा रही है. सिंह ने ट्वीट के साथ दो तस्वीरें भी साझा की है, जिसमें अलग-अलग देशों के राहत बचाव कार्य को लेकर जानकारी दी गई है.
ना सिर्फ टीओआई, बल्कि एनडीटीवी ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है. इसके अलावा कई अन्य मीडिया संस्थानों ने जैसे, द पायनियर, डेक्कन क्रॉनिकल, मनी कंट्रोल, बिजनेस टुडे और स्वराज्य ने भी इस खबर को प्रकाशित किया है. हालांकि इन्होंने पीटीआई की फीड का उपयोग कर यह खबर प्रकाशित की है. इस खबर में भी वहीं बातें कहीं गई हैं जो टीओआई में बताई गईं थी. यानी इसका भी सोर्स भारत सरकार ही है.
एक तरफ जहां भारतीय मीडिया सरकार की तारीफ कर रहा है. वहीं मंगलवार को ही एक हमले में भारतीय छात्र की मौत हो गई. कर्नाटक के रहने वाले नवीन की मौत पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी ट्वीट कर दुख जताया है.