गाज़ीपुर में दैनिक जागरण के स्थानीय पत्रकार की गोली मारकर हत्या.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में शनिवार को एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना गाजीपुर जिले के करंडा थाने की है. यह इलाका बालू खनन के लिए जाना जाता है. मारे गए पत्रकार राजेश मिश्रा दैनिक जागरण के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में काम करते थे. उनका अपना बिल्डिंग मैटेरियल का कारोबार भी था. मिश्रा अपने छोटे भाई अमितेश मिश्रा के साथ अपनी दुकान पर बैठे थे जब बाइक सवार एक हमलावर ने उन्हें गोली मार दी.
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Contributeइस हमले में राजेश मिश्रा के भाई अमितेश मिश्रा को भी गोली लगी है लेकिन वो बच गए हैं. उनका इलाज बनारस के एक अस्पताल में चल रहा है. होश में आने के बाद अमितेश मिश्रा ने दो लोगों का नाम लेकर इस हमले में शामिल होने का शक जताया है. एक नाम राजेश दुबे का है और दूसरा राजू यादव का. राजेश दुबे जिले का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है और महीने भर पहले गाजीपुर जिला अदालत में एक पेशी के दौरान कोर्ट से ही फरार हो गया था. राजू यादव भी करंडा थाने का ही रहने वाला है. अमितेश का कहना है कि अगर उन्हें इन दोनों के फोटो दिखाया जाय तो वो असली हमलावर को पहचान सकता है.
मामले की शुरुआती तफ्तीश में जुटे करंडा थाने के स्टेशन ऑफिसर अशोक कुमार वर्मा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि मामले की जांच कई एंगल से की जा रही है. उनके मुताबिक यह पारिवारिक रंजिश का मामला भी हो सकता है. साथ ही यह व्यावसायिक रंजिश या राजनीतिक रंजिश के कारण भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि वे एसपी सिटी के साथ इस मामले की जांच पड़ताल में व्यस्त हैं लिहाजा अभी इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते.
राजेश मिश्रा पत्रकारिता के साथ-साथ भाजपा की स्थानीय राजनीति में भी सक्रिय थे और साथ ही बालू खनन के छोटे-मोटे ठेके आदि लेने का काम भी करते थे. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उनकी राजनीतिक और व्यावसायिक सक्रियता बढ़ गई थी.
गाजीपुर के एक स्थानीय पत्रकार जो अपना नाम गुप्त रखना चाहते हैं, ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “राजेश की हत्या दो कारणों से हो सकती है. पहला तो बालू खनन का मामला हो सकता है क्योंकि राजेश मिश्रा खुद छोटे स्तर पर बालू खनन की ठेकेदारी का काम करते थे. बहुत संभव है कि उन्हें दूसरे ठेकेदारों ने निशाना बनाया हो. दूसरी वजह उनकी पारिवारिक रंजिश हो सकती है. दो साल पहले उनके अपने पुश्तैनी घर में जमीन को लेकर बड़ा झगड़ा हुआ था. हो सकता है उनके पट्टीदारों ने हमला करवाया हो.”
करंडा बालू खनन के लिए जाना जाता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक राजेश मिश्रा पत्रकारिता के साथ बालू खनन के छोटे-मोटे ठेके लेते रहते थे. हालांकि इस बारे में कुछ भी भरोसे से नहीं कहा जा सकता लेकिन गाजीपुर के पत्रकार बताते हैं कि हाल के दिनों में राजेश मिश्रा ने अवैध खनन कर बालू ले जा रहे विरोदी गुट के कुछ ट्रकों को पकड़वाया था और अपने अख़बार में लगातार उनके खिलाफ ख़बरें भी लिख रहे थे. आशंका यह भी है कि शायद खनन की दुश्मनी ही उनकी हत्या का कारण बनी.
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