राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, "आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा. हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा."
दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर करीब 11 महीने से ज्यादा समय से तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के लिए शुक्रवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा.
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है. पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा, "आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है.इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे."
संबोधन के दौरान पीएम ने कहा, "हमारी सरकार, किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी. लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से शुद्ध, किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. कृषि अर्थशास्त्रियों ने, वैज्ञानिकों ने, प्रगतिशील किसानों ने भी उन्हें कृषि कानूनों के महत्व को समझाने का भरपूर प्रयास किया."
इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, “आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.”
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एक कमेटी बनाने का भी ऐलान किया है. पीएम ने कहा, जीरो बजट खेती को बढ़ावा देने के लिए, देश की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखकर क्रॉप पैटर्न को वैज्ञानिक तरीके से बदलने के लिए और एमएसपी को अधिक प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो ऐसे विषयों से जुड़े निर्णय करेगी.
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कई नेताओं ने ट्वीट कर किसानों को बधाई दी है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा, “देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया. अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!”
जय हिंद, जय हिंद का किसान!
विपक्षी नेताओं के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी कृषि कानून वापस लिए जाने पर किसानों को बधाई दी है.
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