वामपंथ की तरफ झुकाव रखने वाले चैनल ने दक्षिणपंथी सोशल मीडिया मंच के साथ एक सौदा किया है.
एनडीटीवी ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि उनका कू से यह समझौता, अपने सोशल मीडिया पर जुड़े रहने की अहमियत में निहित है. चैनल ने कहा, "कू के साथ हमारी यह साझेदारी गूगल और फेसबुक जैसे दूसरे मंचों की तरह है, सभी न्यूज़ संस्थानों के लिए दिन-ब-दिन महत्वपूर्ण होते सोशल मीडिया पर एनडीटीवी की ताकत और विश्वसनीयता प्रमाणित करता है. हम सभी मंचों पर अपने प्रसारण और ऑनलाइन दर्शकों से जुड़ने की उम्मीद करते हैं."
चैनल ने समझौते में, कू की तरफ से दिए जाने वाले ठोस परिणामों पर टिप्पणी करने से मना कर दिया. कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रामेय राधाकृष्णा ने इस खबर पर टिप्पणी करने से मना कर दिया.
कई और मीडिया कंपनियों के साथ समझौतों के प्रयास में कू ने इस बात पर जोर दिया है कि वह "भारत की स्थानीय भाषाओं को बोलने वालों को अपनी बात अपनी मातृभाषा में रखने, और दूसरे लोगों के विचार उनकी पसंद की भाषा में ग्रहण करने के लिए मंच प्रदान करता है."
यह प्लेटफार्म, जिसमें कुछ खास परिनियमन नहीं होता, की छवि मुस्लिम विरोधी तत्वों के गढ़ की बन गई है. प्लेटफार्म का दावा है कि उसके एक करोड़ से अधिक डाउनलोड और करीब मासिक 45 लाख सक्रिय इस्तेमाल करने वाले हैं, जो तीन महीने पहले के 30 लाख से अधिक हैं. हालांकि यह ट्विटर के एक करोड़ 75 लाख इस्तेमाल करने वालों के मुकाबले कुछ अधिक नहीं हैं, लेकिन इस एप पर भारत सरकार की कृपा है जो इसे बात न मानने वाले ट्विटर के संभावित विकल्प के रूप में देखती है.
इस साल, जब मोदी सरकार का ट्विटर से भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं के ट्वीट पर "मैनिपुलेटेड मीडिया" का टैग लगाने को लेकर झगड़ा चल रहा था, तब सूचना प्रसारण मंत्रालय ने कू पर भड़काऊ कंटेंट को हटाने के आदेश की अवमानना के लिए ट्विटर की जमकर भर्त्सना की थी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने तो अपने ट्विटर के फॉलोअर्स को कू पर जाने तक के लिए कह दिया था, और बदले में इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने मंत्री जी के बढ़ते हुए फॉलोअर्स को लेकर चाटुकारिता में कोई कसर नहीं छोड़ी.
कू पर जाने वाली मीडिया कंपनियों में एनडीटीवी अकेला नहीं है. समाचार जगत से इस मैदान में उतरने वाले प्रारंभिक खिलाड़ियों में टाइम्स समूह, News18 समूह, इंडिया टुडे, इंडिया टीवी और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क हैं. प्रिंट मीडिया में से हिंदुस्तान टाइम्स, न्यू इंडियन एक्सप्रेस, अमर उजाला, दैनिक जागरण, लोकसत्ता और पंजाब केसरी भी इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मौजूद हैं.
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