सरकारें मीडिया में विज्ञापन पर बेशुमार पैसा खर्च कर रही हैं. इनमें ना केंद्र सरकार पीछे है ना राज्यों की सरकारें. यह सवाल हमेशा से उठता रहा है कि आखिर जो पैसा देश के विकास पर खर्च होना चाहिए वह नेताओं की अपनी छवि चमकाने पर क्यों खर्च हो रहा है? सवाल यह भी खड़ा होता है कि विज्ञापन के खर्चे की सीमा क्या होनी चाहिए? हाल ही में न्यूज़लॉन्ड्री ने एक आरटीआई से खुलासा किया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच टीवी चैनलों को 160 करोड़ रुपए का विज्ञापन दिया. अब एक नई जानकारी हमारे सामने आई है जिसके मुताबिक छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार भी मीडिया को मोटा विज्ञापन दे रही है.
बीते दो सालों में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी मीडिया को जमकर विज्ञापन दिया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विधानसभा में इससे जुड़ा एक सवाल पूछा था. उन्होंने पूछा- "क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2019 से 15 जून, 2021 तक प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कितना-कितना विज्ञापन दिया गया? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार कितना-कितना व्यय किया गया?"
इस पर विधानसभा को जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा, "दिनांक 1 जनवरी 2019 से 15 जून 2021 तक प्रिंट मीडिया को 92,29,23,126 रुपए का तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 1,16,42,62,302 रुपए का विज्ञापन दिया गया. (ख) उक्त अवधि में प्रिंट मीडिया को 85,06,96,916 रुपए का तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को 1,05,25,83,704 रुपए का भुगतान (व्यय) किया गया है.