आरोप है कि पीएफआई और उसकी स्टूडेंट विग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के सदस्यों ने हाथरस केस की आड़ में उत्तर प्रदेश में दंगा फैलाने की साजिश रची थी.
शनिवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पत्रकार सिद्दीक कम्पन और सात अन्य के खिलाफ यूएपीए के तहत चार्जशीट दायर की है. 5,000 पन्नों की इस चार्जशीट में आरोप है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी स्टूडेंट विग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के सदस्यों ने हाथरस केस की आड़ में उत्तर प्रदेश में दंगा फैलाने की साजिश रची थी. इन पर देशद्रोह, आपराधिक षडयंत्र और आतंकियों की फंडिंग के आरोप लगे हैं.
लाइव लॉ की खबर के मुताबिक आरोपियों में से पांच सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव शेरिफ, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतीकुर्रहमान, दिल्ली सीएफआई के महासचिव मसूद अहमद, कप्पन और मोहम्मद आलम, जो सीएफआई और पीएफआई के सदस्य हैं. यह सभी अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार पांडे की अदालत में उपस्थित रहे.
जबकि दो अन्य आरोपियों अंशद बदरुद्दीन और फिरोज खान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. एसटीएफ ने आरोपी दानिश को नोटिस भी जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई 1 मई को होगी.
बचाव पक्ष के वकील मधुबन दत्त ने कहा, "आठ आरोपियों के खिलाफ 5000 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई है, वे अब उच्च न्यायालय में जाने पर विचार करेंगे."
गौरतलब है कि हाथरस मामले की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन और तीन अन्य को मथुरा पुलिस ने पांच अक्तूबर को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था, जब वे दलित लड़की के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए हाथरस जिले में स्थित उसके गांव जा रहे थे.
हाथरस में एक दलित लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और बाद में उसकी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद इस मामले ने दुनिया भर में तूल पकड़ लिया था. तब पत्रकार कम्पन की गिरफ्तारी की भी काफी आलोचना हुई थी.