डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस को द वायर ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती

इस नए गाइडलाइंस को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और डिजीपब न्यूज़ इंडिया फ़ाउंडेशन ने भी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं.

डिजिटल मीडिया गाइडलाइंस को द वायर ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती
  • whatsapp
  • copy

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 को मीडिया संस्था द वायर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, यह याचिका ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट’ ट्रस्ट ने दायर की है. यह ट्रस्ट ही न्यूज पोर्टल द वायर को संचालित करती है. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

द न्यूज मिनट की एडिटर इन चीफ धन्या राजेंद्रन और द वायर के फाउंडिग एडिटर एमके वेणु भी इस केस के पिटिशनर है.

बता दें कि इस नए गाइडलाइंस को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और डिजीपब न्यूज़ इंडिया फ़ाउंडेशन ने भी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. एडिटर्स गिल्ड ने कहा, "मौलिक रूप से इंटरनेट पर काम करने वाले समाचार प्रकाशकों को यह गाइडलाइंस प्रभावित करती हैं और भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को गंभीरता से कम करने की क्षमता रखती हैं.”

वहीं डिजीपब ने कहा, नए गाइडलाइंस “लोकतंत्र में पत्रकारिता के मूल सिद्धांत और उसकी भूमिका के खिलाफ जाते हैं.” इसलिए इसको लेकर तमाम हिस्सेदारों से बातचीत करना चाहिए.

इन आरोपों पर इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते है, जनता की सुरक्षा के लिए यह रूल्स जरूरी हैं.

उन्होंने कहा, वह सरकार अब दुनिया की "कुछ चुनिंदा" प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा "इंटरनेट साम्राज्यवाद" को स्वीकार नहीं करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वे स्थानीय विचारों, संस्कृति, परंपराओं और भावनाओं का सम्मान करे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह रूल्स बनाते समय इसके हितधारको से बातचीत की गई थी.

अपडेट- दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए नए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स 2021 को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

याचिकाकर्ता के वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के S.66A को खत्म करने के बावजूद, अब केंद्र इन नियमों को अप्रत्यक्ष रूप से ला रहा है, जो प्रत्यक्ष रूप से नहीं लाए जा सकते.

Also see
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यू मीडिया गाइडलाइन पर जताई अपनी चिंता
राज्य सरकारें नए सोशल मीडिया कानून के तहत नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं- केंद्र सरकार
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यू मीडिया गाइडलाइन पर जताई अपनी चिंता
राज्य सरकारें नए सोशल मीडिया कानून के तहत नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं- केंद्र सरकार

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 को मीडिया संस्था द वायर ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, यह याचिका ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट’ ट्रस्ट ने दायर की है. यह ट्रस्ट ही न्यूज पोर्टल द वायर को संचालित करती है. दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

द न्यूज मिनट की एडिटर इन चीफ धन्या राजेंद्रन और द वायर के फाउंडिग एडिटर एमके वेणु भी इस केस के पिटिशनर है.

बता दें कि इस नए गाइडलाइंस को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और डिजीपब न्यूज़ इंडिया फ़ाउंडेशन ने भी अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. एडिटर्स गिल्ड ने कहा, "मौलिक रूप से इंटरनेट पर काम करने वाले समाचार प्रकाशकों को यह गाइडलाइंस प्रभावित करती हैं और भारत में मीडिया की स्वतंत्रता को गंभीरता से कम करने की क्षमता रखती हैं.”

वहीं डिजीपब ने कहा, नए गाइडलाइंस “लोकतंत्र में पत्रकारिता के मूल सिद्धांत और उसकी भूमिका के खिलाफ जाते हैं.” इसलिए इसको लेकर तमाम हिस्सेदारों से बातचीत करना चाहिए.

इन आरोपों पर इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते है, जनता की सुरक्षा के लिए यह रूल्स जरूरी हैं.

उन्होंने कहा, वह सरकार अब दुनिया की "कुछ चुनिंदा" प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा "इंटरनेट साम्राज्यवाद" को स्वीकार नहीं करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि वे स्थानीय विचारों, संस्कृति, परंपराओं और भावनाओं का सम्मान करे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह रूल्स बनाते समय इसके हितधारको से बातचीत की गई थी.

अपडेट- दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की डिवीजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए नए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स 2021 को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

याचिकाकर्ता के वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के S.66A को खत्म करने के बावजूद, अब केंद्र इन नियमों को अप्रत्यक्ष रूप से ला रहा है, जो प्रत्यक्ष रूप से नहीं लाए जा सकते.

Also see
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यू मीडिया गाइडलाइन पर जताई अपनी चिंता
राज्य सरकारें नए सोशल मीडिया कानून के तहत नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं- केंद्र सरकार
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने न्यू मीडिया गाइडलाइन पर जताई अपनी चिंता
राज्य सरकारें नए सोशल मीडिया कानून के तहत नोटिस जारी नहीं कर सकती हैं- केंद्र सरकार

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like