बिहार: पेपर लीक मामले में एक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर में हमनाम दूसरे पत्रकार से भी पूछताछ

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने अपनी शिकायत में कन्फ्यूजन क्रिएट किया जिसके कारण एक ट्वीट के नाम पर दो लोगों से पूछताछ हो रही है.

WrittenBy:बसंत कुमार
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ये ट्वीट अभी भी मौजूद है. इसी ट्वीट के नीचे राहुल यादव नाम के एक शख्स ने रिप्लाई में वायरल अंग्रेजी का पेपर डालते हुए लिखा, ‘कथित तौर पर आज सुबह 10 बजे शुरू होने वाले अंग्रेजी का पेपर पहले ही लीक हो गया है.’ ऐसा लगता है कि राहुल ने टीवी-9 के उत्कर्ष सिंह का ही आधा ट्वीट कॉपी किया है.

खुद को सिविल इंजीनियर बताने वाले राहुल यादव ने अपनी डीपी में राष्ट्रीय जनता दल की तस्वीर लगाई हुई है. उनके सिर्फ 13 फॉलोवर हैं. वो खुद सिर्फ 47 लोगों को फॉलो करते है. ट्विटर पर साल 2020 के दिसंबर महीने में ही आए हैं.

ऐसा नहीं है कि इस वायरल पेपर को सिर्फ उत्कर्ष सिंह और राहुल यादव ने ही साझा किया. बल्कि इसको लेकर कई मीडिया संस्थानों ने खबर भी बनाई थी. ईटीवी बिहार ने ‘मैट्रिक परीक्षा का चौथा दिन: परीक्षा के कुछ घंटे पहले वायरल हुआ अंग्रेजी का पेपर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की. इस खबर में पेपर की वही तस्वीर लगी है जो राहुल यादव और उत्कर्ष सिंह ने साझा की है.

खबर में लिखा गया है कि अंग्रेजी का पेपर वायरल, राज्य सरकार और प्रशासन के लाख दावे के बाद भी शिक्षा माफियाओं ने तमाम व्यवस्थाओं को ध्वस्त करते हुए परीक्षा से कुछ देर पहले पेपर वायरल कर दिया है. जिसके बाद से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वायरल हो रहे अंग्रेजी के पेपर को लेकर जब ईटीवी की टीम ने अफसरों से बात की तो उन्होंने इस तरह की कोई जानकारी नहीं होने की बात कही.

न्यूज- 1 भारत नाम के हैंडल ने भी इस पेपर को साझा किया और लिखा, मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन अंग्रेजी का पेपर वायरल, जांच में जुटे अधिकारी.

करीब 16 हज़ार फ़ॉलोवर वाले बिहार के चर्चित न्यूज़ पोर्टल फर्स्ट बिहार झारखंड न्यूज ने भी इसको लेकर ट्वीट किया और लिखा, मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन अंग्रेजी का पेपर वायरल, जांच में जुटे अधिकारी. हालांकि बाद में इस खबर के शीर्षक को बदलकर ‘मैट्रिक परीक्षा: फर्जी निकला अंग्रेजी का वायरल पेपर’ कर दिया गया.

इस खबर के इंट्रो में लिखा गया है कि मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन भी पेपर शुरू होने से कुछ देर पहले अंग्रेजी का पेपर वायरल हो गया. जैसे ही यह खबर परीक्षार्थियों तक पहुंची पेपर लेने के लिए उनमें होड़ मच गई. लेकिन जैसे ही परीक्षा खत्म हुई पेपर मिलान किए जाने पर वायरल पेपर फर्जी निकला.

फर्स्ट बिहार ने अपनी खबर में अंग्रेजी के इस वायरल पेपर को लगाया जिसे उत्कर्ष और राहुल यादव ने साझा किया था.

ये ट्वीट अभी भी मौजूद है. इसी ट्वीट के नीचे राहुल यादव नाम के एक शख्स ने रिप्लाई में वायरल अंग्रेजी का पेपर डालते हुए लिखा, ‘कथित तौर पर आज सुबह 10 बजे शुरू होने वाले अंग्रेजी का पेपर पहले ही लीक हो गया है.’ ऐसा लगता है कि राहुल ने टीवी-9 के उत्कर्ष सिंह का ही आधा ट्वीट कॉपी किया है.

खुद को सिविल इंजीनियर बताने वाले राहुल यादव ने अपनी डीपी में राष्ट्रीय जनता दल की तस्वीर लगाई हुई है. उनके सिर्फ 13 फॉलोवर हैं. वो खुद सिर्फ 47 लोगों को फॉलो करते है. ट्विटर पर साल 2020 के दिसंबर महीने में ही आए हैं.

ऐसा नहीं है कि इस वायरल पेपर को सिर्फ उत्कर्ष सिंह और राहुल यादव ने ही साझा किया. बल्कि इसको लेकर कई मीडिया संस्थानों ने खबर भी बनाई थी. ईटीवी बिहार ने ‘मैट्रिक परीक्षा का चौथा दिन: परीक्षा के कुछ घंटे पहले वायरल हुआ अंग्रेजी का पेपर’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की. इस खबर में पेपर की वही तस्वीर लगी है जो राहुल यादव और उत्कर्ष सिंह ने साझा की है.

खबर में लिखा गया है कि अंग्रेजी का पेपर वायरल, राज्य सरकार और प्रशासन के लाख दावे के बाद भी शिक्षा माफियाओं ने तमाम व्यवस्थाओं को ध्वस्त करते हुए परीक्षा से कुछ देर पहले पेपर वायरल कर दिया है. जिसके बाद से प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वायरल हो रहे अंग्रेजी के पेपर को लेकर जब ईटीवी की टीम ने अफसरों से बात की तो उन्होंने इस तरह की कोई जानकारी नहीं होने की बात कही.

न्यूज- 1 भारत नाम के हैंडल ने भी इस पेपर को साझा किया और लिखा, मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन अंग्रेजी का पेपर वायरल, जांच में जुटे अधिकारी.

करीब 16 हज़ार फ़ॉलोवर वाले बिहार के चर्चित न्यूज़ पोर्टल फर्स्ट बिहार झारखंड न्यूज ने भी इसको लेकर ट्वीट किया और लिखा, मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन अंग्रेजी का पेपर वायरल, जांच में जुटे अधिकारी. हालांकि बाद में इस खबर के शीर्षक को बदलकर ‘मैट्रिक परीक्षा: फर्जी निकला अंग्रेजी का वायरल पेपर’ कर दिया गया.

इस खबर के इंट्रो में लिखा गया है कि मैट्रिक परीक्षा के चौथे दिन भी पेपर शुरू होने से कुछ देर पहले अंग्रेजी का पेपर वायरल हो गया. जैसे ही यह खबर परीक्षार्थियों तक पहुंची पेपर लेने के लिए उनमें होड़ मच गई. लेकिन जैसे ही परीक्षा खत्म हुई पेपर मिलान किए जाने पर वायरल पेपर फर्जी निकला.

फर्स्ट बिहार ने अपनी खबर में अंग्रेजी के इस वायरल पेपर को लगाया जिसे उत्कर्ष और राहुल यादव ने साझा किया था.

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