मुनव्वर फारूकी मामला: मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस के बयानों में विरोधाभास

पुलिस और मीडिया के दावे में विरोधाभास. पुलिस ने कहा हमारे पास फारूकी के खिलाफ पर्याप्त सबूत.

ByAshwine Kumar Singh
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मुनव्वर फारूकी मामला: मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस के बयानों में विरोधाभास
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इंडियन एक्सप्रेस का जवाब

इंडियन एक्सप्रेस की प्रदेश संवाददाता इरम सिद्दीकी से हमने इस रिपोर्ट को लेकर बात की. यह रिपोर्ट इरम ने ही की थी. उन्होंने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “मैंने टीआई से बातचीत के आधार पर ही अपनी रिपोर्ट लिखी है और उसका मेरे पास पुख्ता सबूत भी है. टीआई ने जो जानकारी दी थी, हमारी रिपोर्ट उसी के आधार पर है. मैने अपनी रिपोर्ट में पुलिस के अलावा एक चश्मदीद से भी बातचीत की है, जो उस वक्त शो में मौजूद थीं. उन्होंने अपना बयान सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है.”

हमने उनसे बातचीत के सबूत साझा करने की बात कही तो इरम ने जवाब दिया, “हमारी पेशेवर मजबूरी है, जहां मैं काम करती हूं, उसके कुछ नियम कानून हैं इसलिए हम ऑडियो शेयर नहीं कर सकते. मैं बस आपसे यही कहना चाहती हूं कि हमारी रिपोर्ट एकदम सही है, पुलिस के बयान के आधार पर है और हमारे पास उसके सबूत हैं.”

क्या कहते हैं मनुव्वर फारूकी के वकील

न्यूज़लॉन्ड्री ने मुनव्वर फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव से मीडिया रिपोर्ट्स और सबूतों को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मुनव्वर के खिलाफ वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं और अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पुलिस को नहीं मिली हैं, लेकिन अदालत में मीडिया रिपोर्ट्स को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता. यह अदालत में मान्य नहीं है, इसलिए हमने मेरिट के आधार पर सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को है.”

श्रीवास्तव आगे कहते हैं, “आर्टिकल 19 (A) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत सभी को अपनी बात कहने की आजादी है. हमने इसी को आधार बताकर कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है. अगर पुलिस कहती हैं कि अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं गई हैं तो वह बताएं की कौन सी बातें कहीं गई जो आपत्तिजनक हैं, हमें तो वीडियो में ऐसा कुछ नहीं मिला.”

मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी हिंदू रक्षक संगठन नामक संस्था के संयोजक एकलव्य गौड़ की शिकायत पर की गई थी. गौड़ ने एक्सप्रेस की खबर पर आश्चर्य जताते हुए कहा, “पता नहीं मीडिया में इस तरह की खबरें कहा से आ रही हैं. न्यूज़ 18 जैसा मीडिया संस्थान जिसका मध्य प्रदेश में चैनल है वह भी इस तरह की ख़बर चला रहा है. हमें नहीं पता इंडियन एक्सप्रेस को कहां से यह जानकारी मिली, लेकिन यह जानकारी फेक और झूठ है.”

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इंडियन एक्सप्रेस का जवाब

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हमने उनसे बातचीत के सबूत साझा करने की बात कही तो इरम ने जवाब दिया, “हमारी पेशेवर मजबूरी है, जहां मैं काम करती हूं, उसके कुछ नियम कानून हैं इसलिए हम ऑडियो शेयर नहीं कर सकते. मैं बस आपसे यही कहना चाहती हूं कि हमारी रिपोर्ट एकदम सही है, पुलिस के बयान के आधार पर है और हमारे पास उसके सबूत हैं.”

क्या कहते हैं मनुव्वर फारूकी के वकील

न्यूज़लॉन्ड्री ने मुनव्वर फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव से मीडिया रिपोर्ट्स और सबूतों को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि मुनव्वर के खिलाफ वीडियो में हिंदू देवी-देवताओं और अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें पुलिस को नहीं मिली हैं, लेकिन अदालत में मीडिया रिपोर्ट्स को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता. यह अदालत में मान्य नहीं है, इसलिए हमने मेरिट के आधार पर सेशन कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की है, जिसकी सुनवाई मंगलवार को है.”

श्रीवास्तव आगे कहते हैं, “आर्टिकल 19 (A) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत सभी को अपनी बात कहने की आजादी है. हमने इसी को आधार बताकर कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है. अगर पुलिस कहती हैं कि अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कहीं गई हैं तो वह बताएं की कौन सी बातें कहीं गई जो आपत्तिजनक हैं, हमें तो वीडियो में ऐसा कुछ नहीं मिला.”

मुनव्वर फारूकी की गिरफ्तारी हिंदू रक्षक संगठन नामक संस्था के संयोजक एकलव्य गौड़ की शिकायत पर की गई थी. गौड़ ने एक्सप्रेस की खबर पर आश्चर्य जताते हुए कहा, “पता नहीं मीडिया में इस तरह की खबरें कहा से आ रही हैं. न्यूज़ 18 जैसा मीडिया संस्थान जिसका मध्य प्रदेश में चैनल है वह भी इस तरह की ख़बर चला रहा है. हमें नहीं पता इंडियन एक्सप्रेस को कहां से यह जानकारी मिली, लेकिन यह जानकारी फेक और झूठ है.”

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