दिल्ली हाईकोर्ट का जी न्यूज को निर्देश, जामिया के छात्र से जुड़े मामले में सोर्स का खुलासा करे चैनल

जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.

Article image

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को 'जी न्यूज' टीवी चैनल को निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई 19 अक्टूबर तक एक हलफनामा दायर करे. हलफनामे में स्पष्ट रूप से बताएं कि उन्हें कहां से याचिकाकर्ता जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र का कथित इकबालिया बयान प्राप्त हुआ था. न्यायमूर्ति विभु बाखरू की खंडपीठ ने यह निर्देश उस समय दिया है, जब डीसीपी स्पेशल सेल, नई दिल्ली ने अदालत में सूचित किया कि जांच में शामिल किसी भी पुलिसकर्मी ने जांच का कोई भी विवरण लीक नहीं किया है.

गौरतलब है कि मई 2020 में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसे फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के सिलसिले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में 24 अगस्त को आसिफ इकबाल तन्हा (याचिकाकर्ता) की तरफ से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल, सौजन्य शंकरन, अभिनव शेखरी, सिद्धार्थ सतीजा और निकिता खेतान ने न्यायमूर्ति बाखरू की खंडपीठ के समक्ष कहा था कि "यह याचिका ऑन-गोइंग क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन से संबंधित अत्यधिक संवेदनशील और गोपनीय सूचनाओं को विभिन्न समाचार आउटलेट्स द्वारा प्रकाशित और प्रसारण करने के खिलाफ दायर की गई है. जहां समाचार आउटलेट्स ने याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए कथित बयान के आधार पर विभिन्न रिपोर्ट चलाई. इन खुलासों का "एकमात्र उद्देश्य याचिकाकर्ता के निष्पक्ष ट्रायल के अधिकारों के उल्लंघन करना प्रतीत हो रहा है."

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में विशेष रूप से प्रार्थना की थी कि प्रतिवादी नंबर 3 जी न्यूज, 4 ओपीइंडिया, 5 और 6 विभिन्न अन्य मीडिया एजेंसियों को निर्देश दिया जाए कि वह प्रतिवादी नंबर 2 के अधिकारियों द्वारा लीक की गई संवेदनशील और गोपनीय जानकारियों को अपने चैनल की वेबसाइट से हटाएं.

हाईकोर्ट के समक्ष यह भी तर्क दिया गया था कि उक्त जानकारी को लीक करने के पीछे मकसद यह है कि याचिकाकर्ता के निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार को प्रभावित किया जा सके. 15 अक्टूबर को उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने जी न्यूज को ये आदेश दिया है. गुरुवार को केरल हाईकोर्ट ने भी चेतावनी दी थी कि किसी भी जांच की पेंडेंसी के दौरान एकत्रित सामग्री को पब्लिक या मीडिया को देने के सामान्य चलन के खिलाफ अदालत द्वारा कड़े कदम उठाए जाएंगे.

Also see
article imageबजाज के बाद अब पारले जी ने भी जहरीले कंटेंट परोसने वाले न्यूज चैनलों से किया किनारा
article imageबार्क ने 12 हफ्तों के लिए सस्पेंड की न्यूज चैनलों की टीआरपी, एनबीए ने बताया स्वागत योग्य फैसला

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like