दैनिक जागरण, TOI और ANI ने हाथरस दलित पीड़िता की खबर को किया नजरअंदाज

हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद देशभर में हंगामा मचा हुआ है, लेकिन मीडिया के एक तबके ने इस खबर को नजरअंदाज कर दिया.

Article image

हाथरस में दलित लड़की के साथ हुआ कथित गैंगरेप देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दें कि 14 सितंबर को युवती के साथ चार सवर्ण जाति के लड़कों ने दरिंदगी की थी. घटना के बाद युवती को अलीगढ़ और बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां 29 सितंबर को लड़की ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घटना से आहत लोग सोशल मीडिया और सड़कों पर अपना गुस्सा जता रहे हैं. लेकिन मीडिया का एक तबका इस मामले को नजरअंदाज करता दिख रहा है या यूं कहें कि इतनी बड़ी खबर उनके प्लेटफॉर्म से नदारद दिखीं.

घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता के घर वालों की बिना मर्जी के युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था. इससे संबंधित आज तक-इंडिया टुडे की पत्रकार तनुश्री पांडेय ने भी ट्वीट कर जानकारी दी थी. उन्हेंने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा था कि "हाथरस पीड़िता के शव को पुलिस ने उनके परिवार की बिना मर्जी के जला दिया. पुलिस ने परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों को घर के अंदर बंद कर दिया और जबरन शव को जला दिया. परिवार अपनी बेटी को आखिरी बार भी नहीं देख सका. अगर लड़की के साथ किया गया अत्याचार भयावह था तो यह भी मानवता से परे है."

जब पुलिस यह सब कर रही थी तब युवती के भाई ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मेरी बहन का अंतिम संस्कार कर दिया है. पुलिस हमें कुछ नहीं बता रही है. हमने पुलिस से विनती भी की थी कि हम लाश को एक बार घर के अंदर ले जाएं, लेकिन हमारी कोई बात नहीं सुनी गई. यह बात उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से सुबह लगभग 3.30 बजे कही.

एएनआई एक बड़ी न्यूज एजेंसी है. लेकिन यह इस दौरान गायब थी. जबरदस्ती दाह संस्कार पर एएनआई ने केवल एक ट्वीट किया. हाथरस के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने एएनआई के उत्तर प्रदेश हेंडल को 3:44 बजे एक बयान भी दिया था. पीड़िता के जबरन दाह संस्कार और पीड़िता के गांव में इसके खिलाफ फैली अशांति के बारे में भी एएनआई ने कोई अपडेट ट्वीट नहीं किया. इसके बाद अपडेट केवल सुबह आया.

imageby :

वहीं बुधवार को इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले पर एक ग्राउंड रिपोर्ट पेश की. अखबार ने जानकारी दी कि इस घटना के बाद महिलाओं पर हो रहे यौन हमलों के खिलाफ दिल्ली और यूपी में विरोध प्रदर्शन हुए. बता दें कि देश में अंग्रेजी में टाइम्स ऑफ इंडिया और हिंदी बेल्ट में दैनिक जागरण सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबारों में से एक है. लेकिन इन अखबारों ने दलित युवती की खबर को कम करके आंका.

imageby :

टाइम्स ऑफ इंडिया ने बुधवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस की खबर को लीड खबर बनाया. साथ ही अयोध्या से ग्राउंड रिपोर्ट को भी छापा. वहीं अखबार ने सुशांत केस की खबर को भी प्रमुखता से जगह दी है. जबकि हाथरस दलित पीड़िता की खबर को छोटा सा नीचे की साइड दिया है. जिसकी हेडिंग कुछ यूं है" दिल्ली के अस्पताल में 19 वर्षीय हाथरस की लड़की का निधन"

imageby :

दैनिक जागरण ने भी हाथरस दलित पीड़िता की खबर में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. जबकि अखबार ने चाइना के साथ चल रहे सीमा विवाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर किए हमले की खबर को प्रमुखता से छापा है. अखबार ने गैंगरेप पीड़िता की खबर को नीचे की ओर प्रकाशित किया है. जिसकी हेडिंग कुछ यूं है "हाथरस की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता की मौत" साथ ही जागरण ने इस खबर की बजाय एक विज्ञापन को पेज पर देना जरूरी समझा है.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like