Khabar Baazi
सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी समूह के खिलाफ रिपोर्ट करने वाले एफटी समूह के दो पत्रकारों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस द्वारा जारी किए गए जारी समन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दो पत्रकारों की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए. साथ ही पत्रकारों को पुलिस जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं.
वकील सोनाक्षी मल्हान द्वारा दायर याचिका में गुजरात पुलिस अपराध शाखा को प्रतिवादी बनाया गया था. इस पर न्यायाधीश बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने सुनवाई की. उन्होंने पत्रकारों को गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने और 1 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आदेश दिया है.
गुजरात पुलिस ने फाइनेंशियल टाइम्स के दोनों पत्रकारों बेंजामिन निकोलस ब्रूक पार्किन और क्लोए नीना कोर्निश को एक “निवेशक” की शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया था. यह शिकायत अगस्त महीने में फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा ओसीसीआरपी और गार्जियन के सहयोग से अडाणी समूह के खिलाफ प्रकाशित रिपोर्ट के संबंध में थी.
लाइव लॉ के अनुसार, दोनों पत्रकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता वे पत्रकार नहीं हैं, जिन्होंने संबंधित रिपोर्ट लिखी थी. वकील ने यह भी दावा किया कि पत्रकारों को अभी तक एफआईआर की प्रति भी नहीं मिली है.
क्लोए फाइनेंशियल टाइम्स की मुंबई से संवाददाता हैं जबकि बेंजामिन दिल्ली से रिपोर्ट करते हैं. मालूम हो कि अडाणी पर फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट डैन मैक्रम और जॉन रीड ने की थी.
इससे पहले अक्टूबर में, ओसीसीआरपी के साथी पत्रकार रवि नायर और आनंद मंगनाले को अहमदाबाद अपराध शाखा से नोटिस मिला था, जिसमें उन्हें प्रारंभिक जांच के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था. इसके बाद पत्रकारों ने नोटिस को चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते नायर और मंगनाले को गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी. कोर्ट ने गुजरात सरकार को जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया था. बुधवार को ओसीसीआरपी वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि अदालत दिसंबर में मामले की फिर से सुनवाई कर सकती है.
ओसीसीआरपी लेख में यह भी कहा गया है कि अडाणी के खिलाफ रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों को "राज्य की ओर से निशाना बनाया गया".
रिपोर्ट के मुताबिक, “पिछले महीने, ओसीसीआरपी के साथी पत्रकार रवि नायर और आनंद मंगनाले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच में पूछताछ के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए बुलाया था.”
उल्लेखनीय है कि अमेरिका स्थित निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग द्वारा जारी एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लगभग सात महीने बाद अगस्त में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट प्रकाशित हुई. इसमें आरोप लगाया गया कि अडानी समूह स्टॉक के हेरफेर और धोखाधड़ी में शामिल था.
इस बीच, फाइनेंशियल टाइम्स के प्रवक्ता ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “हमारी रिपोर्टिंग सटीक और सावधानीपूर्वक तैयार की गई है. हम अपने पत्रकारों की रिपोर्टिंग पर कायम हैं.”
Also Read
-
Unemployment a big issue, but will it dent Modi govt? Election charcha at Lucknow University
-
‘I have plenty of time to fight polls’: Priyanka on PM’s divisive remarks, Cong chances, and her future
-
Know Your Turncoats, Part 14: Defectors in Telangana’s triangular contests, Andhra MP linked to ‘liquor scam’
-
Another Election Show: In Rae Bareli, locals fear Yogi Adityanath’s police?
-
ऐतिहासिक चंदन नगर कॉलेज से मॉर्निंग शो: “विकास तो हुआ पर भ्रष्टाचार भी बढ़ा”