अतुल चौरसिया और डॉक्टर उमर की तस्वीर.
NL Tippani

बिहार से बम-बम हुए डंकापति की पार्टी और दिल्ली में आतंकी हमला

इस हफ्ते टिप्पणी में डंकापति की वापसी. बिहार के बम्पर चुनावी नतीजों से जोश में आए डंकापति ने लाल किले पर हुए आतंकी हमले का गम भुलाते हुए जमकर पार्टी की. 

जब लाल किले के बाहर इतना बड़ा धमाका हो गया. जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई, पत्रकारों का स्वाभाविक सा काम था कि वो सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से सवाल पूछते. लेकिन इस देश के तमाम हुड़कचुल्लुओं और मीडिया घरानों ने ये सवाल नहीं पूछा. उन्होंने देश को बताया कि दरअसल यह धमाका सुरक्षा एजेंसियों की सफलता है, सरकार की मुस्तैदी का नतीजा है. आतंकवादी चारो तरफ से घिर चुके थे. इसलिए “पैनिक अटैक” कर दिया. अब तक जो आतंकवादी हमले सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की नाकामी मानी जाती थी, उसे हमारे बेहया दरबारी मीडिया ने खुलेआम सरकार की सफलता कहकर प्रचारित किया. 

सरकार ने विज्ञापन की दरों में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है लेकिन हम सब्सक्रिप्शन की दरें 26 फीसदी घटा रहे हैं. इस ऑफर का लाभ उठाइए और विज्ञापन मुक्त पत्रकारिता को सशक्त बनाइए.

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